सुप्रीम कोर्ट द्वारा इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ आपराधिक मामला हुआ समाप्त
हाल ही में भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने केरल तट पर दो मछुआरों की हत्या वाले इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ बहुत समय से चले आ रहे आपराधिक मुक़दमे को बंद कर दिया है।
‘अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण’ ने हाल ही में इतालवी सरकार के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है, जिसके द्वारा इन नौसैनिकों पर मुकदमा अपने देश में ही चलाने की बात कही गई थी।
शीर्ष अदालत ने वर्ष 2012 में केरल तट के पास हुई समुद्री गोलीबारी में मारे गए मछुआरों के परिजनों को इटली गणराज्य द्वारा जमा की गई 10 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि को स्वीकार कर लिया है।
संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि (United Nations Convention on Law of Seas – UNCLOS) का अनुच्छेद 142:
- चूंकि, ‘संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि’ (United Nations Convention on Law of Seas – UNCLOS) के तहत अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण द्वारा सुनाए गए फैसले के तहत, इतालवी नौसैनिकों पर आपराधिक मुकदमा चलाना भारत के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
- इसलिए भारत सरकार ने शीर्ष अदालत से, इन इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ आपराधिक मामलों को रद्द करने हेतु संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत प्राप्त असाधारण शक्ति का प्रयोग करने का आग्रह किया गया था।
अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण का फैसला:
- इतालवी नौसनिकों को ‘संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि’ (UNCLOS) के तहत इतालवी राज्य-अधिकारियों के रूप में राजनयिक प्रतिरक्षा हासिल थी। यह बात अधिकरण ने 3: 2 के नजदीकी वोट के साथ, फैसला सुनाते हुए कही।
- इस घटना की आपराधिक जांच फिर से शुरू करने के लिए “इटली द्वारा व्यक्त की गई प्रतिबद्धता” को ध्यान में रखते हुए, अधिकरण ने कहा कि इस मामले में भारत को अपने अधिकार क्षेत्र का उपयोग नहीं करना चाहिए।
स्रोत – द हिन्दू