सीमा विवाद समाधान के लिए, चीन-भूटान की तय सीमा वार्ता
आपसी सीमा विवाद को समाप्त करने के लिए हाल ही में भूटान और चीन जल्द ही एक सीमा-वार्ता आयोजित करने के लिए सहमत हुए हैं ।
इस सीमा वार्ता में दोनों देश सीमा-विवाद संबंधी समाधान प्रक्रिया को तेज करने हेतु एक रोडमैप पर चर्चा करेंगे। वर्ष 2017 में हुए डोकलाम सीमा विवाद, तथा अरुणाचल प्रदेश के साथ लगने वाली भूटान की पूर्वी सीमा विवाद के बाद यह पहली वार्ता होगी।
यदि भूटान और चीन के मध्य आगे कोई सीमा वार्ता होती है तो यह दोनों देशों के मध्य सीमा वार्ता प्रक्रिया की 25वीं वार्ता होगी । विदित हो कि जून 2020 में चीन ने अरुणाचल प्रदेश के साथ लगने वाली भूटान की पूर्वी सीमा पर अपना दावा किया था ।
विवादित सीमायें:
- भूटान और चीन ने अपनी पिछली सीमा वार्ताओं में दो विवादित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया है इनमे पहली- भूटान के उत्तर में अवस्थित ‘पसामलंग घाटी’ तथा ‘जकरलंग घाटी’ और दूसरी- भूटान के पश्चिम में भारत के साथ लगती हुई सीमा ‘डोकलाम’।
- इसके अलावाजून 2020 चीन ने संयुक्त राष्ट्र की एक पर्यावरणीय बैठक में, भूटान के पूर्वी क्षेत्र में अवस्थित ‘सकतेंग वन्यजीव अभयारण्य’ को भी विवादित बताते हुए, अभयारण्य को दिए जा रहे अनुदान पर आपत्ति जताई थी।
चीन-भूटान सीमा विवाद और भारत
- चीन अपनी विदेशी रणनीति के एक हिस्से के तौर पर क्षेत्रीय दावे प्रस्तुत करता है , ताकि यह भारत के छोटे पड़ोसी देशों पर दबाव डाल सके जिससे यह देश भारत के साथ किसी प्रकार की निकटता रखने से बचें।
- वर्ष 2017 में चीन ने ‘डोकलाम पठार’ में घुसपैठ की थी, जिस पर भूटान अपना दावा करता है, जिससे भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच ‘गतिरोध’ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
स्रोत – द हिन्दू