सिविल एविएशन पर शिकागो कन्वेंशन में संशोधनों से संबंधित तीन प्रोटोकॉल्स की अभिपुष्टि को मंजूरी
हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शिकागो कन्वेंशन में संशोधनों से संबंधित तीन प्रोटोकॉल्स की अभिपुष्टि को मंजूरी दी है।
यह अभिपुष्टि भारत को अंतर्राष्ट्रीय नागरिक (सिविल) विमानन से संबंधित मामलों में और अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए बेहतर अवसर प्रदान करेगी।
निम्नलिखित प्रोटोकॉल्स की अभिपुष्टि की गई हैं:
- शिकागो कन्वेंशन में अनुच्छेद 3 बीआईएस (bis) सम्मिलित करने के लिए प्रोटोकॉल: यह प्रोटोकॉल उड़ान भर रहे नागरिक विमानों के खिलाफ हथियारों के इस्तेमाल करने से सदस्य देशों को रोकता है।
- शिकागो कन्वेंशन के अनुच्छेद 50 (a) में संशोधन करने के लिए प्रोटोकॉल: संशोधन के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन (ICAO) परिषद में सदस्यों की संख्या 36 से बढ़ाकर 40 कर दी गई है।
- शिकागो कन्वेंशन के अनुच्छेद 56 में संशोधन करने के लिए प्रोटोकॉल: एयर नेविगेशन कमीशन में सदस्यों की संख्या 18 से बढ़ाकर 21 कर दी गई है।
- अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन (शिकागो कन्वेंशन), 1944 वायु मार्ग से अंतर्राष्ट्रीय परिवहन की अनुमति देने वाले मूल सिद्धांतों की स्थापना करता है।
- शिकागो कन्वेंशन के अनुच्छेद, सभी पक्षकार देशों के लिए विशेषाधिकारों व दायित्वों का प्रावधान करते हैं।
- साथ ही, अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन को विनियमित करने वाले ICAO मानकों और कार्य पद्धति अंगीकरण को बढ़ावा देते हैं।
- इसके 193 देश पक्षकार हैं। इनमें लिकटेंस्टाइन को छोड़कर संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी सदस्य शामिल हैं।
- शिकागो कन्वेंशन से ICAO के गठन का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
- यह संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है ICAO संयुक्त राष्ट्र – आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) से संबद्ध है।
- भारत ICAO का संस्थापक सदस्य है ।
- ICAO कोई वैश्विक विनियामक संस्था नहीं है। वास्तविकता तो यह है कि ICAO के मानक कभी भी राष्ट्रीय विनियामक आवश्यकताओं से ऊपर नहीं होते हैं।
स्रोत – पी.आई.बी.