न्यू स्टार्ट/ START (सामरिक शस्त्र कटौती संधि)
हाल ही में रूस ने न्यू स्टार्ट संधि को निलंबित कर दिया क्योंकि रूस ने दावा किया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने न्यू स्टार्ट संधि के प्रावधानों का अनुपालन नहीं किया था।
इसके अतिरिक्त रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करने का भी प्रयास किया था ।
न्यू स्टार्ट संधि के बारे में
- न्यू स्टार्ट/ START (सामरिक शस्त्र कटौती संधि) संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस के बीच एक परमाणु हथियार कटौती संधि है।
- इस संधि पर 2010 में हस्ताक्षर किए गए थे और यह 2011 में लागू हुई थी।
- इस संधि ने पिछली स्टार्ट संधि का स्थान लिया है, जो 2009 में समाप्त हो गई थी।
- इस संधि का उद्देश्य दोनों देशों द्वारा तैनात सामरिक परमाणु हथियारों और हथियार डिलीवरी प्रणालियों की संख्या को सीमित करना तथा कम करना है।
- इसका लक्ष्य सामरिक स्थिरता को बढ़ाना और दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास का निर्माण करना है।
इस संधि के तहत, दोनों पक्ष निम्नलिखित के लिए प्रतिबद्ध हैं:
- 1,550 से अधिक सामरिक परमाणु हथियार तैनात नहीं करेंगे। इसके अतिरिक्त अधिकतम 700, लंबी दूरी की मिसाइलों और बमवर्षकों की ही तैनाती कर सकेंगे ।
- अधिकतम 800 अंतर – महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें तैनात करने की अनुमति होगी।
- प्रत्येक पक्ष प्रतिवर्ष एक-दूसरे के देश में अधिकतम 18 सामरिक परमाणु हथियार स्थलों का निरीक्षण कर सकते हैं।
- इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दोनों में से किसी भी देश ने संधि की शर्तों का उल्लंघन नहीं किया है।
- वर्ष 2021 में, संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस इस संधि को 2026 तक बढ़ाने पर सहमत हुए थे।
संधि को निलंबित करने के प्रभाव–
- यह कदम विश्व की दो सबसे बड़ी परमाणु हथियार संपन्न शक्तियों के बीच परमाणु हथियारों के नियंत्रण की संवेदनशील स्थिति को अस्थिर कर सकता है।
- उल्लेखनीय है कि इन दोनों देशों के पास दुनिया के परमाणु शस्त्रागार का 90% हिस्सा है।
- इससे चीन, पाकिस्तान जैसे परमाणु हथियार संपन्न देशों को भी अपना शस्त्रागार बढ़ाने का अवसर मिल जाएगा।
स्रोत – द हिन्दू