साइबर सुरक्षा के उभरते खतरे

साइबर सुरक्षा के उभरते खतरे

हाल ही में ‘इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने साइबर सुरक्षा के उभरते खतरे के बारे में संसद को सूचित किया है।

इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) के अनुसार वर्ष 2021 के प्रथम छह महीनों में साइबर सुरक्षासे संबंधित 6.07 लाख से अधिक घटनाएं हुई हैं। इनमें से लगभग 12,000 घटनाएं सरकारी संगठनों से संबंधित थीं।

विदित हो कि, CERT-In इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MotY) के अधीन है। यह भारत में साइबर सुरक्षाखतरों की निगरानी और नियंत्रण करने हेतु एक नोडल एजेंसी है।

भारत में साइबर सुरक्षा से संबंधित मुद्दे

  • पर्याप्त मानव संसाधन और अनुसंधान एवं विकास का अभाव ।
  • असमन्वित साइबर सुरक्षा ढांचा।
  • आयातित इलेक्ट्रॉनिक्स /सूचना प्रौद्योगिकी उत्पाद।
  • अपर्याप्त बजटीय आवंटन।

सरकार द्वारा किए गए प्रयास

  • कंप्यूटर, कंप्यूटर सिस्टम, कंप्यूटर नेटवर्क और इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में डेटा एवं सूचना के उपयोग को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 द्वारा विनियमित किया जाता है।
  • सुरक्षित साइबर तंत्र स्थापित करने हेतु राष्ट्रीय साइबर नीति, 2013 लागू की गई है।
  • महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना के संरक्षण और लचीलेपन के लिए राष्ट्रीय महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र (National Critical Information Infrastructure Protection Centre) स्थापित किया गया है।
  • वर्ष 2018 में “साइबर सुरक्षित भारत’ पहल आरंभ की गई थी। इसका उद्देश्य साइबर अपराध के बारे में जागरूकता सृजित करना है।
  • राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वय केंद्र (National Cyber security Coordination Centre: NCCC) स्थापित किया गया है।
  • एक साइबर स्वच्छता केंद्र भी स्थापित किया गया है।

स्रोत – द हिन्दू

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