साइबर सुरक्षा संबंधी रिपोर्ट
हाल ही में “अंतराल को समाप्त करना: साइबर सुरक्षा कौशल विकास में चुनौतियों की पहचान करना, और विभाजन को पाटना” शीर्षक से रिपोर्ट जारी की गई है।
उपर्युक्त रिपोर्ट भारतीय डेटा सुरक्षा परिषद (DSCI) ने जारी की है। इसे ज्ञान भागीदार के रूप में अर्न्स्ट एंड यंग (EY) के साथ तैयार किया गया है।
इस रिपोर्ट के निम्नलिखित उद्देश्य हैं:
- भारत में कुशल साइबर सुरक्षा पेशेवरों की मांग और आपूर्ति का विश्लेषण करना,
- भारत में कुशल पेशेवरों की कमी के कारणों की पहचान करना और भारत कुशल पेशेवरों की कमी को दूर करने के लिए समाधान बताना ।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष :
- लगभग 50% कॉर्पोरेट्स ने स्वीकार किया है कि साइबर सुरक्षा पेशेवर, कंपनी के कुल कार्यबल में 5% से भी कम हैं।
- शीर्ष तीन साइबर हमले हैं: फिशिंग (धोखाधड़ी वाली ईमेल), स्मिशिंग (धोखाधड़ी वाले टेक्स्ट्स) और विशिंग (वॉइस) ।
- इनके बाद रैंसमवेयर और ज़ीरो – डे एक्सप्लॉइट का स्थान है । रिपोर्ट के अनुसार ऐसे सभी साइबर हमलों में काफी वृद्धि होने का अनुमान है।
- वर्तमान में, 43% कॉर्पोरेट्स ऑफिस ऐसे हैं, जहां कार्यरत कुल साइबर सुरक्षा कार्यबल में 21-40% महिलाएं हैं ।
- भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (CERT – In) के अनुसार, साइबर हमलों की संख्या 2017 के 41 हजार से बढ़कर 2021 में 14 लाख हो गई थी ।
कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम को लागू करने में चुनौतियां–
- प्रशिक्षण प्रदान करने वाली संस्थाओं के पास वित्तीय संसाधनों की कमी है,
- प्रशिक्षण प्रदान करने वाली संस्थाओं के पास साइबर सुरक्षा कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों के संचालन के लिए पर्याप्त डिजिटल अवसंरचना नहीं है ।
- साइबर सुरक्षा का प्रशिक्षण प्रदान करने वाले कुशल संकायों / प्रशिक्षकों की कमी है;
- नॉलेज इंडस्ट्री के अनुभवी प्रशिक्षकों की कमी है और प्रमाणित प्रशिक्षक भी कम हैं।
रिपोर्ट में की गई प्रमुख सिफारिशें –
- उद्योग जगत की आवश्यकता वाले कौशलों की सूची बनाई जानी चाहिए; इसी अनुरूप कौशल विकास कार्यक्रम का डिजाइन तैयार किया जाना चाहिए और फिर प्रशिक्षण प्रदान किया जाना चाहिए। कॉर्पोरेट जगत द्वारा संचालित प्रशिक्षण पहलों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ।
- साइबर सुरक्षा हेतु कौशल प्रशिक्षण के लिए मजबूत समावेशी नीतियां बनाई जानी चाहिए । साथ ही, साइबर सुरक्षा में रिक्तियों के लिए उम्मीदवारों की भर्ती करते समय विविधता लाने पर ध्यान दिया जाना चाहिए ।
स्रोत – डी.एस.आई.सी