मणिपुर सरकार और विद्रोही समूहों के साथ ‘सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस (SoO)’ समझौता
हाल ही में मणिपुर सरकार, विद्रोही समूहों के साथ ‘सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस (SoO)’ समझौते से पीछे हट गई है
- विदित हो कि ‘सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस (SoO) एक त्रिपक्षीय समझौता है । इस पर वर्ष 2008 में केंद्र सरकार, राज्य सरकार और दो अम्ब्रेला विद्रोही समूहों ने हस्ताक्षर किए थे।
- इसका उद्देश्य तीनों के बीच राजनीतिक वार्ता शुरू करना था ।
- कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन और यूनाइटेड पीपल्स फ्रंट दो अम्ब्रेला समूह हैं।
पूर्वोत्तर (NE) क्षेत्र में विद्रोह के कारण
- बाहर से बड़ी संख्या में लोगों के आने से स्थानीय पहचान के लुप्त हो जाने का खतरा है। इसके अलावा अलग-अलग नृजातीय समुदायों के बीच प्रतिद्वंद्विता भी एक बड़ी वजह है ।
- खराब कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे के सीमित विकास के कारण अवसरों की संख्या कम है।
- अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की पूर्ण रूप से घेराबंदी नहीं होने से आना-जाना आसान है। साथ ही, दुर्गम स्थलाकृतियों की वजह से सख्त निगरानी मुश्किल है ।
- अधिक संख्या में सुरक्षा बलों की उपस्थिति और उनकी कार्रवाइयों से जुड़े मानवाधिकार संबंधी मुद्दों के कारण मुख्यधारा से अलगाव की भावना बढ़ती है।
- गृह मंत्रालय की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2014 के बाद से पूर्वोत्तर क्षेत्र में विद्रोह से संबंधित हिंसक घटनाओं में 80% की गिरावट दर्ज की गई है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए उठाए गए कदम
- स्वदेश दर्शन योजना, कृषि निर्यात जोन, राष्ट्रीय बांस मिशन जैसी पहलों के माध्यम से पूर्वोत्तर को आर्थिक हब के रूप में विकसित किया जा रहा है।
- पूर्वोत्तर राज्यों के लिए जिला स्तरीय सतत विकास लक्ष्य (SDG) सूचकांक का शुभारंभ किया गया है।
- उड़ान 4.0 योजना के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र को प्राथमिकता, मैत्री सेतु पुल जैसी स्थानीय और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी पहलें शुरू की गई हैं।
- पूर्वोत्तर क्षेत्र के तीव्र और समग्र विकास हेतु “उत्तर पूर्व के लिए प्रधान मंत्री की विकास पहल (PM – DevINE ) योजना शुरू की गई है।
- पूर्वोत्तर राज्यों से सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) को धीरे-धीरे हटाया जा रहा है।
स्रोत – द हिन्दू