राष्ट्रीय युवा महोत्सव में भारतीय सभ्यता के अस्तित्व में सरस्वती नदी की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की गई।
सरस्वती नदी का कई प्राचीन हिंदू ग्रंथों में वर्णन मिलता है। यह यमुना और सतलज नदी के बीच बहती थी। यह हिमालय से निकलती थी और अरब सागर में गिरती थी। जेम्सटॉड ने इसे ‘मरुस्थल की खोई हुई नदी’ कहा है।
सरस्वती नदी के क्षेत्र को प्राचीन भारतीय सभ्यता का जन्म स्थान माना जाता है। यह सभ्यता मध्य पाषाण युगीन संस्कृति (6500-5500 ईसा पूर्व) से लेकर परिपक्व हड़प्पा संस्कृति से आगे के युगों तक अस्तित्व में थी।
सरस्वती नदी पर अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता केंद्र (CERSR) के एक हालिया अध्ययन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह नदी 15वीं शताब्दी (1402 ईस्वी) की शुरुआत तक हरियाणा में बहती थी।
स्रोत –द हिन्दू