सरकार ने लॉन्च किया ‘यूरिया गोल्ड’
हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने राजस्थान के सीकर में यूरिया खाद की एक नई किस्म ‘यूरिया गोल्ड’ को लॉन्च किया है।
यह सल्फर से लेपित यूरिया की एक नई किस्म है, इसलिए इसे सल्फर यूरिया भी कहते हैं। यह यूरिया राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर लिमिटेड (RCF) कंपनी द्वारा बनाया जा रहा है।
लाभ : इसके इस्तेमाल से आपको खेतों में कम खाद देनी पड़ेगी और फसल की क्वालिटी भी बढ़ेगी। साथ ही इसके इस्तेमाल का एक बड़ा फायदा यह है कि इससे मिट्टी में सल्फर की कमी नहीं रहेगी। यूरिया गोल्ड आर्थिक व्यवहार्यता और दक्षता दोनों के मामले में मौजूदा नीम-लेपित यूरिया से लाभकारी है ।
यूरिया गोल्ड अन्य से कैसे बेहतर:
- सल्फर-लेपित यूरिया नाइट्रोजन के क्रमिक विमोचन की सुविधा प्रदान करता है, जिससे इसकी उपलब्धता और फसलों द्वारा ग्रहण में वृद्धि होती है।
- यूरिया गोल्ड में ह्यूमिक एसिड को शामिल करने से उर्वरक के रूप में इसका जीवनकाल और बढ़ जाता है।
- यह उत्पाद न केवल पारंपरिक यूरिया खपत को प्रतिस्थापित करता है बल्कि समग्र उर्वरक उपयोग को भी कम करता है।
- रिपोर्ट के अनुसार, 15 किलोग्राम यूरिया गोल्ड 20 किलोग्राम पारंपरिक यूरिया के बराबर लाभ प्रदान करता है, जिससे यह किसानों के लिए अधिक कुशल और प्रभावी विकल्प बन जाता है।
नीम लेपित यूरिया:
- यूरिया आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला नाइट्रोजन-आधारित उर्वरक है जो पौधों को स्वस्थ विकास को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है।
- नीम-लेपित यूरिया यूरिया उर्वरक का एक विशेष रूप है जिसे नीम के तेल के साथ लेपित किया गया है।
- यूरिया पर नीम कोटिंग से मिट्टी में नाइट्रोजन का निकलना धीमा हो जाता है । यह नियंत्रित रिहाई नाइट्रोजन लीचिंग और वाष्पीकरण को कम करने में मदद करती है , जिससे पौधों द्वारा नाइट्रोजन उपयोग दक्षता में सुधार होता है।
- इससे प्रति एकड़ यूरिया की मात्रा में कमी आएगी और परिणामस्वरूप किसानों की इनपुट लागत में कमी आएगी।
- नाइट्रस ऑक्साइड का उत्सर्जन भी काफी कम हो गया है ।
- नीम के पेड़ (अज़ादिराक्टा इंडिका) से प्राप्त नीम के तेल में प्राकृतिक कीटनाशक गुण होते हैं।
स्रोत – पी.आई.बी.