सरकार ने नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड के निकी समूह से समझौता किया
हाल ही में केंद्र सरकार ने नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (के) निकी समूह (National Socialist Council of Nagaland (K) (NSCN-K)Niki Group) के साथ संघर्ष विराम समझौता किया है ।
- यह समझौता 8 सितंबर से 1 वर्ष की अवधि के लिए प्रभावी होगा। इसके अंतर्गत,समूह के 200 से अधिक कैडरों ने 83 हथियारों के साथ शांति प्रक्रिया के तहत आत्मसमर्पण किया है।
- इससे पूर्व सरकार ने वर्ष 2015 में नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-आईएम (NSCN-IM) के साथ नागा शांति समझौते के लिए रूपरेखा समझौते (फ्रेमवर्क एग्रीमेंट) पर हस्ताक्षर किए थे।
- इसके साथ ही, अन्य नागा समूहों जैसे- NSCN-NK,NSCN-R, NSCN-K खांगो ( प्रमुख समूहों NSCN-IM और NSCN-Kसे पृथक हुए गुट) के साथ संघर्ष विराम समझौते भी किए गए हैं।
- नागा आंदोलन को भारत का सबसे दीर्घावधि तक जारी रहने वाला विद्रोह माना जाता है।
- वर्ष 1946 में, अंगामीफिज़ो नेनागा नेशनल काउंसिल (NNC) की स्थापना की थी। इसने 14 अगस्त 1947 को नागालैंड को एक स्वतंत्र राज्य घोषित किया था।
- वर्ष 1975 में NNC ने शिलांग समझौते के तहत हिंसा त्यागने पर सहमति व्यक्त की थी। हालांकि, समूह के भीतर एक गुट ने शिलांग समझौते को अस्वीकार कर दिया और वर्ष 1980 में (NSCN) का गठन किया। इसने नागालिम अर्थात ग्रेटर नागालैंड की मांग प्रस्तुत की।
- नागालिम में सभी निकटवर्ती नागा-बाहुल्य क्षेत्र शामिल हैं । इसके अंतर्गत नागालैंड, असम के कई जिले, अरुणाचल प्रदेश तथा मणिपुर के साथ-साथ म्यांमार का एक बड़ा भू-भाग भी शामिल है।
- नागा कोई एकल जनजाति नहीं है, बल्कि यह एक नृजातीय समुदाय है। इसमें कई जनजातियां शामिल हैं, जो नागालैंड राज्य तथा उसके निकटवर्ती भू–भागों में अधिवासित हैं।
स्रोत – पीआईबी