सरकार द्वारा ‘राष्ट्रीय आवश्यक औषधि सूची’ (NLEM) में संशोधन
हाल ही में सरकार ने प्रस्तावित मूल्य सीमा के लिए सूची के अंतर्गत 39 नई औषधियों को शामिल करने हेतु ‘राष्ट्रीय आवश्यक औषधि सूची (NATIONAL LIST OF ESSENTIAL MEDICINES: NLEM) को संशोधित किया है।
यह संशोधन व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली आवश्यक औषधियों के मूल्यों को कम करने हेतु किया गया है।
वर्तमान में NLEM का वर्ष 2015 का संस्करण प्रचलन में है। ध्यातव्य है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय वर्ष 1996 से NLEM का प्रकाशन कर रहा है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के तहत विशेषज्ञ समिति द्वारा तैयार की गई संशोधित सूची, स्वास्थ्य मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत की जाती है, तत्पश्चात् मंत्रालय अंतिम सूची को अधिसूचित करता है।
इसके पश्चात् सूची को वहनीय औषधियों और स्वास्थ्य उत्पादों पर स्थायी समिति (Standing Committee on Affordable Medicines and Health Products: SCAMHP) को अग्रेषित किया जाता है। समिति यह आकलन करती है कि कौन-सी औषधियों के लिए मूल्य के सीमा निर्धारण की आवश्यकता है।
SCAMHP मूल्य नियंत्रण के लिए औषधियों की अनुशंसा (स्वतः संज्ञान द्वारा भी) करने के लिए वर्ष 2019 में नीति आयोग के तहत गठित एक समिति है।
इससे पूर्व, NLEM के तहत सभी औषधियों के मूल्यों को सीमा निर्धारण के तहत रखा गया था।
वर्तमान में, यह SCAMHP की अनुशंसाओं के आधार पर चयनित रूप से राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (National Pharmaceutical Pricing Authority: NPPA) द्वाराकिया जाता है।
NLEM में सूचीबद्ध औषधियों और उपकरणों को NPPA द्वारा निर्धारित मूल्यों पर ही विक्रय जाना चाहिए, जबकि गैर-अनुसूचित सूची में सूचीबद्ध औषधियों व उपकरणों हेतु अधिकतम 10% की वार्षिक मूल्य वृद्धि की अनुमति है।
राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA)के बारे में
- इसे अगस्त, 1997 में औषध विभाग (DOP), रसायन और उर्वरक मंत्रालय के संलग्न कार्यालय के रूप में स्थापित किया गया था।
- यह औषधियों के मूल्य निर्धारण और वहनीय कीमतों पर औषधियों की उपलब्धता एवं उन तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए स्थापित किया गया एक स्वतंत्र विनियामक है।
स्रोत – द हिन्दू