सरकार की एक समिति कापेटेंट छूट व टीकों  के लिए अनिवार्य लाइसेंस हेतु सुझाव

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सरकार की एक समिति कापेटेंट छूट व टीकों  के लिए अनिवार्य लाइसेंस हेतु सुझाव

सरकार की एक समिति कापेटेंट छूट व टीकों  के लिए अनिवार्य लाइसेंस हेतु सुझाव

हाल ही में वाणिज्य संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने पेटेंट छूट व टीकों  के लिए अनिवार्य लाइसेंस का सुझाव दिया है ।

वाणिज्य संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने ‘भारत में बौद्धिक संपदा अधिकार व्यवस्था की समीक्षा’ शीर्षक से अपनी रिपोर्ट में वर्णित किया है कि:

  • कोविङ-19 महामारी के कारण राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल ने पेटेंट अधिकारों कोअस्थायी रूप से समाप्त करने की आवश्यकता को प्रकट किया है।
  • एक पेटेंट एक आविष्कार (उत्पाद/प्रक्रम) के लिए प्रदत्त एक अनन्य अधिकार है।
  • पेटेंट धारक के पास 20 वर्षों के लिए विशेष अधिकार होता है, जिसमें अन्यों को पेटेंटका कोई भी उपयोग करने से बाहर रखा जाता है।
  • इसके अतिरिक्त, विश्व व्यापार संगठन में भारत और दक्षिण अफ्रीका ने सभी देशों हेतु कोविड इंजेक्शन एवं दवाओं के लिए उचित, वहनीय एवं सार्वभौमिक पहुंच कीसुविधा हेतु अस्थायी पेटेंट छूट की मांग की है।
  • इसने दवाओं और टीकों के उत्पादन के लिए अनिवार्य लाइसेंसिंग की भी अनुशंसा की है।
  • एकस्व अधिनियम (Patent Act). 1970 की धारा 92, पेटेंट धारक को सरकार द्वारा निर्धारित रॉयल्टी का भुगतान करने के उपरांत केंद्र सरकार द्वारा अनिवार्य लाइसेंसिंग जारीकरने का प्रावधान करती है।
  • सरकार राष्ट्रीय आपातकाल या अत्यधिक अत्यावश्यक परिस्थितियों में या सार्वजनिक गैर–व्यावसायिक उपयोग के मामले में अनिवार्य लाइसेंस लागू कर सकती है।
  • पेटेंट के दायित्व के बिना वृहद जेनेरिक उत्पादन से सस्ती दवाओं, औषधि और टीकों की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए आपूर्ति वाधाओं का निवारण करने में मदद मिलेगी ।

 मुख्य सुझाव:

  • स्वेच्छिक : आपूर्ति को आसान बनाने के लिए लाइसेंस व तकनीकी हस्तांतरण ।
  • पेटेंट : समावेशिता के लिए संस्थाओं के पारंपरिक ज्ञान को शामिल करने के लिए पेटेंट ।
  • स्वीकृति : सरकार के साथ भागीदार के रूप में पौधों व बीजों पर पेटेंट तथा जालसाजी और नक़ल को रोकने हेतु पेटेंट में देरी ।

अनिवासी विदेशी संस्थाओं द्वारा दायर 64%पेटेंट के रूप में बौद्धिक संपदा अधिकार( IRP) नीति की समीक्षा । बौद्धिक संपदा अपील बोर्ड ( IPAB) को पुनः स्थापित करना एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता को पेटेंट व कॉपीराईट अधिनियमों में शामिल करना ।

  • कानून : बौद्धिक संपदा वित्तपोषण व जालसाजी पर विधि निर्माण ।

एक अमूर्त संपती के रूप में बौद्धिक संपदा मूल्यांकन की एक सामान प्रणाली ।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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