समुद्र प्रहरी
चर्चा में क्यों
भारतीय तटरक्षक जहाज समुद्र प्रहरी, एक विशिष्ट प्रदूषण नियंत्रण पोत, वर्तमान में 11 सितंबर से 14 अक्टूबर 2023 तक आसियान देशों में विदेशी तैनाती पर है।
समुद्र प्रहरी के बारे में
- इस पहल की घोषणा पहली बार भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नवंबर 2022 में कंबोडिया में आसियान रक्षा मंत्री मीटिंग प्लस के दौरान की थी।
- यह तैनाती समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया के लिए भारत की आसियान पहल का हिस्सा है, जो भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) की प्रदूषण प्रतिक्रिया क्षमताओं और समुद्री प्रदूषण के मुद्दों को संबोधित करने और क्षेत्र में क्षमता बढ़ाने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।
- यह एक भारतीय तटरक्षक जहाज है जिसे विशेष रूप से प्रदूषण नियंत्रण के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- भारतीय तटरक्षक जहाज समुद्र पावक, तीन 95 मीटर प्रदूषण नियंत्रण जहाजों (पीसीवी) की श्रृंखला में तीसरा और आखिरी जहाज है।
विशेषताएँ
- विशेष आर्थिक क्षेत्र में तेल रिसाव को कम करने के लिए जहाज सबसे उन्नत प्रदूषण प्रतिक्रिया और नियंत्रण उपकरण से सुसज्जित है।
- 4500 टन वाला 95 मीटर लंबा जहाज 20.5 नॉट की अधिकतम गति हासिल कर सकता है।
- इसमें तेल रिसाव के भंडारण के लिए टैंक और इन्फ्लेटेबल बार्ज हैं।
- यह जहाज 500 केएल की भंडारण क्षमता के साथ निर्बाध रूप से तेल पुनर्प्राप्ति कार्य करने में सक्षम है।
- यह जहाज अत्याधुनिक नेविगेशन और संचार उपकरणों से सुसज्जित है।
- तेल वाहक एसएलओसी और नाजुक समुद्री जैव विविधता के निकट होने के कारण पोरबंदर में प्रदूषण नियंत्रण पोत की स्थापना एक अनिवार्य आवश्यकता है।
- विशेष सुविधाओं में एक एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म प्रबंधन प्रणाली, पावर प्रबंधन प्रणाली, उच्च शक्ति बाहरी अग्निशमन प्रणाली और अग्निशमन प्रणाली के साथ एक स्वदेशी गन माउंट शामिल है।
- जहाज में मानवरहित मशीनरी संचालन क्षमताएं हैं।
दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) के बारे में मुख्य तथ्य
- यह एक क्षेत्रीय समूह है जिसकी स्थापना 1967 में बैंकॉक घोषणा पर हस्ताक्षर के साथ हुई थी।
- संस्थापक सदस्य: इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड।
- वर्तमान में, आसियान में 10 सदस्य देश शामिल हैं, अर्थात् इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, लाओस, म्यांमार, कंबोडिया और वियतनाम।
- आसियान का आदर्श वाक्य: “एक दृष्टिकोण, एक पहचान, एक समुदाय”।
- आसियान की पहली शिखर बैठक 1976 में बाली, इंडोनेशिया में आयोजित हुई।
समुद्री प्रदूषण से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय पहल:
- संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून अभिसमय (United Nations Convention on the Law of the Sea – UNCLOS), 1982 हस्ताक्षरकर्त्ता राज्यों को डंपिंग द्वारा समुद्री पर्यावरण के प्रदूषण को रोकने, कम करने और नियंत्रित करने हेतु एक कानूनी ढाँचा विकसित करने का आह्वान करता है।
- भारत UNCLOS का एक हस्ताक्षरकर्ता है।
- जहाज़ों से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिये अंतर्राष्ट्रीय अभिसमय (International Convention for the Prevention of Pollution from Ships- MARPOL) परिचालन संबंधी या आकस्मिक कारणों से जहाज़ों द्वारा समुद्री पर्यावरण के प्रदूषण को रोकने का आह्वान करता है।
- भारत MARPOL का हस्ताक्षरकर्ता है।
अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
- यह तैनाती समुद्री प्रदूषण जवाबी कार्रवाई के लिए भारत की आसियान पहल का हिस्सा है, जो भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) की प्रदूषण के प्रति जवाबी कार्रवाई क्षमताओं और समुद्री प्रदूषण के मुद्दों का समाधान करने और क्षेत्र में क्षमता बढ़ाने के संदर्भ में इसकी प्रतिबद्धता को दिखाती है।
- यह जहाज प्रदूषण के प्रति जवाबी कार्रवाई में चेतक हेलीकॉप्टर से सुसज्जित है, जो इस क्षेत्र में इसकी क्षमताओं को बढ़ाता है। इस पहल की घोषणा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नवंबर 2022 में कंबोडिया में आयोजित आसियान रक्षा मंत्री मीटिंग प्लस बैठक के दौरान की थी।
- इस तैनाती के दौरान, जहाज को बैंकॉक, हो ची मिन्ह और जकार्ता में बंदरगाह सुविधा प्राप्त है। यह आईसीजी की प्रदूषण के प्रति जवाबी कार्रवाई क्षमताओं और समुद्री प्रदूषण के प्रति जवाबी कार्रवाई के लिए सहयोगात्मक प्रयासों के संबंध में इसके समर्पण को प्रदर्शित करेगा।
- विदेशी विनिमय कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, जहाज ने 13 एनसीसी कैडेटों को “पुनीत सागर अभियान” में भाग लेने के लिए शामिल किया है, जो एक अंतरराष्ट्रीय आउटरीच कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम, साझीदार देशों के समन्वय में समुद्र तट की सफाई और इसी तरह की अन्य गतिविधियों पर केंद्रित है।
- यह यात्रा थाई समुद्री प्रवर्तन कमांड सेंटर और बीएकेएएमएलए (इंडोनेशिया समुद्री सुरक्षा एजेंसी) सहित प्रमुख समुद्री एजेंसियों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। क्षेत्र में समुद्रों की संरक्षा, सुरक्षा और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए यह भागीदारी पिछले कुछ वर्षों में विकसित हुई है। यात्रा के दौरान इन एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मियों के साथ बातचीत से क्षेत्रीय संरक्षा और सुरक्षा में और वृद्धि होगी।
- यात्रा के एजेंडे में पेशेवर आदान-प्रदान, आपसी-डेक यात्राएं, योजना और टेबलटॉप अभ्यास, संयुक्त अभ्यास, साथ ही क्षमता निर्माण सुविधाओं के दौरे समेत आधिकारिक और सामाजिक गतिविधियां शामिल हैं।
- आईसीजीएस समुद्र प्रहरी की आसियान देशों की यात्रा, समुद्री सहयोग के माध्यम से मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने के भारत के निरंतर प्रयासों को मजबूत करती है। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विज़न – “सागर – क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास” के अनुरूप है, जो क्षेत्र को एकजुट करना चाहता है। यह कार्यक्रम जी20 अध्यक्षता के दौरान भारत सरकार की थीम: “वसुधैव कुटुंबकम” – एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य को भी प्रतिबिंबित करता है।