मानवयुक्त महासागर मिशन ‘समुद्रयान’ लॉन्च
हाल ही में भारत का प्रथम मानवयुक्त महासागर मिशन ‘समुद्रयान’ लॉन्च किया गया ।
समुद्रयान पहल के तहत ‘मत्स्य 8000’ नामक एक गहरे जल में मानवयुक्त सबमर्सिबल का डिजाइन तैयार किया गया है। यह 12 घंटे और आपात स्थिति के मामले में अतिरिक्त 96 घंटे की परिचालन क्षमता के साथ तीन व्यक्तियों को ले जाने में सक्षम है।
- ज्ञातव्य है कि डीप ओशन मिशन के अंतर्गत गहरे जल में संचालन हेतु सक्षम मानवयुक्त सबमर्सिबल विकसित किए जा रहे हैं। इस मिशन का उद्देश्य समुद्री संसाधनों के संधारणीय उपयोग के लिए गहन समुद्री प्रौद्योगिकियों को विकसित करना है।
- पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय डीप ओशन मिशन को कार्यान्वित करने हेतु नोडल मंत्रालय है।
- 6000 मीटर की गहराई पर मानवयुक्त सबमर्सिबल के मानव-युक्त उपयोग के लिए इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ क्लासिफिकेशन एंड सर्टिफिकेशन सोसाइटी के नियमों के अनुसार सिस्टम डिज़ाइन, उप-घटकों आदि की समीक्षा और प्रमाणन किया जाता है।
- यह विशिष्ट प्रौद्योगिकी बहुधात्विक मैंगनीज नोड्यूल, गैस हाइड्रेट्स, हाइड्रोथर्मल सल्फाइड और कोबाल्ट क्रस्ट जैसे संसाधनों के गहन समुद्र में अन्वेषण की सुविधा प्रदान करेगी।
- समुद्रयान को लॉन्च करने के साथ ही भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, जापान, फ्रांस और चीनजैसे विशिष्ट देशों के समूह में शामिल हो गया है। इनके पास समुद्री नितल पर गतिविधियों के संचालन हेतु मानव युक्त मिशन संचालित करने की क्षमता विद्यमान है।
डीप ओशन मिशन के छह प्रमुख घटक
- गहरे समुद्र में खनन और मानवयुक्त सबमर्सिबल के लिए प्रौद्योगिकियों का विकास करना।
- महासागरीय जलवायु परिवर्तन सलाहकार सेवाओं का विकास करना।
- गहरे समुद्र में जैव विविधता की खोज और संरक्षण के लिए तकनीकी नवाचार।
- गहन महासागरीय सर्वेक्षण एवं अन्वेषण।
- महासागर से ऊर्जा और ताजे जल की प्राप्ति।
- महासागरीय जीवविज्ञान के लिए उन्नत समद्री स्टेशन।
स्रोत – द हिन्दू