समुद्रयान मिशन
हाल ही में समुद्रयान मिशन के तहत 3 व्यक्तियों को समुद्र में सतह से 6000 मीटर नीचे भेजा जाएगा।
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए ‘समुद्रयान मिशन’ के एक भाग के रूप में भारत का लक्ष्य तीन व्यक्तियों को अन्वेषण के लिए अब समुद्र सतह से 6000 मीटर नीचे गहराई में भेजना है।
- पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसार, समुद्रयान मिशन को वर्ष 2026 तक पूरा किये जाने की उम्मीद है।
- यह भारत का पहला अनोखा मानवयुक्त समुद्रीय मिशन है जो 6000 करोड़ रुपए के डीप ओशन मिशन का हिस्सा है।
- यह अभियान “नीली अर्थव्यवस्था (ब्लू इकॉनमी)” के युग में भारत के उन प्रयासों की शुरुआत करता है जो आने वाले वर्षों के दौरान भारत की समग्र अर्थव्यवस्था के निर्माण में एक प्रमुख भूमिका निभाने जा रहे हैं।
- ‘मत्स्य’ नामक एक वाहन खनिजों जैसे गहरे समुद्र के संसाधनों की खोज के लिए तीन व्यक्तियों को समुद्र में 6000 मीटर की गहराई तक ले जाएगा।
- मत्स्य 6000 (MATSYA 6000) को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (NOIT), चेन्नई द्वारा डिजाइन और विकसित किया जा रहा है।
- यह वाहन मानव युक्त सबमर्सिबल निकल, कोबाल्ट, दुर्लभ मृदा तत्व, मैंगनीज आदि से समृद्ध खनिज संसाधनों की खोज में गहरे समुद्र में मानव द्वारा प्रत्यक्ष अवलोकन की सुविधा प्रदान करने के साथ ही विभिन्न नमूनों का संग्रह करता है, जिनका उपयोग बाद में विश्लेषण के लिए किया जा सकता है।
- भारत की एक ऐसी अनूठी समुद्री स्थिति है जिसमे नौ तटीय राज्यों और 1,382 द्वीपों के साथ 7517 किलोमीटर लंबी तटरेखा भी है।
- मानव सुरक्षा हेतु इसकी क्षमता सामान्य स्थितियों में 12 घंटे और आपात स्थिति में 96 घंटे है।
डीप ओशन मिशन:
- इसे जून 2021 में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किया गया था। इसका उद्देश्य संसाधनों के लिये गहरे समुद्र का अन्वेषण करना, महासागरीय संसाधनों के सतत् उपयोग के लिये गहरे समुद्र की प्रौद्योगिकियों का विकास करना और साथ ही भारत सरकार की नीली अर्थव्यवस्था संबंधी पहलों का समर्थन करना है।
- पाँच वर्ष की अवधि वाले इस मिशन की अनुमानित लागत 4,077 करोड़ रुपए है जिसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
स्रोत – पी.आई.बी.
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