समतुल्य लेवी की प्रोसेसिंग के लिए नए मानदंड जारी

समतुल्य लेवी (Equalisation Levy-EL) की प्रोसेसिंग के लिए नए मानदंड जारी

हाल ही में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने ‘समतुल्य लेवी’ (EL) की प्रोसेसिंग के लिए नए मानदंड जारी किए हैं।

  • ये प्रावधान ‘समतुल्य लेवी’ विवरण संबधी केंद्रीकृत प्रसंस्करण योजना-2023 का हिस्सा हैं। यह योजना वित्त अधिनियम, 2016 के तहत प्राप्त विवरण की प्रोसेसिंग से संबंधित है ।
  • वर्तमान में, ‘समतुल्य लेवी’ विवरणों की प्रोसेसिंग की प्रक्रिया में कुछ कमियां हैं। इससे विशेष रूप से धनवापसी के लिए किए गए दावों के संबंध में कुछ अनिश्चितताएं भी पैदा हुई हैं।

समतुल्य लेवी (Equalisation Levy):

  • समतुल्य लेवी (Equalisation Levy) एक प्रत्यक्ष कर है। इसे डिजिटल अर्थव्यवस्था पर कर लगाने के लिए 2016 में प्रस्तुत किया गया था। इसे गूगल टैक्स भी कहा जाता है।
  • वर्ष 2016 में भारत में अनिवासी ई-कॉमर्स ऑपरेटर्स (ECO) द्वारा डिजिटल विज्ञापन सेवाओं के लिए प्राप्त भुगतान पर 6% EL का प्रारंभ किया गया था।
  • 2020 (EL 2.0) में, इसका दायरा बढ़ा दिया गया था। नई लेवी के तहत किसी अनिवासी ECO द्वारा ‘किसी निवासी भारतीय या भारत में स्थायी प्रतिष्ठान वाली अनिवासी कंपनियों को ‘ई-कॉमर्स आपूर्ति या सेवा प्रदायगी से प्राप्त सकल राजस्व पर 2% कर लगाया गया है।

संशोधित मानदंडों की मुख्य विशेषताएं

  • आयकर विभाग का केंद्रीकृत प्रोसेसिंग केंद्र ‘समतुल्य लेवी’ विवरणों की इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रोसेसिंग करेगा ।
  • प्रत्यक्ष संपर्क के बिना (फेसलेस) संवाद के लिए एक नया प्रावधान जोड़ा गया है।
  • आर्थिक सहयोग और विकास संगठन, OECD) ने अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण से उत्पन्न होने वाली कर संबंधी चुनौतियों का समाधान करने के लिए ‘दो – स्तंभ आधारित समाधान’ (Two-Pillar Solution) प्रस्तुत किया है।
  • भारत सहित लगभग 138 देशों ने इस पर सहमति प्रकट की है। इसे अपनाने के बाद, यह भारत में ‘समतुल्य लेवी’ जैसे एकतरफा उपायों या लेवी की जगह लेगा ।
  • स्तंभ 1(Pillar One ): लगभग 100 सबसे बड़ी और सबसे अधिक लाभअर्जक बहुराष्ट्रीय कंपनियों के रेसिड्यूल ( बचे हुए) लाभ का 25% उन बाजार अधिकार क्षेत्रों में पुनः आवंटित किया जाएगा, जहां कंपनियों के उपयोगकर्ता स्थित हैं।
  • स्तंभ 2(Pillar Two ): बहुराष्ट्रीय कंपनियों (MNCs) के कॉर्पोरेट मुनाफे पर 15% का वैश्विक न्यूनतम कर आरोपित किया जाएगा। यह कर उन MNCs पर लगाया जाएगा, जिनका वार्षिक वैश्विक राजस्व 750 मिलियन यूरो से अधिक होगा।

स्रोत – लाइव मिंट

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