भोपाल, सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति में पहला भारतीय शहर
हाल ही में भोपाल, सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति की दिशा में प्रगति की निगरानी करने वाला पहला भारतीय शहर बन गया है।
भोपाल में कार्रवाई के लिए एजेंडा:
- भोपाल में सतत शहरी रूपांतरण की शुरुआत की गई है। इस शुरुआत के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की भारत की पहली शहर स्तरीय स्वैच्छिक स्थानीय समीक्षा (VLR) को चिह्नित किया गया है।
- VLR शहरों और क्षेत्रों को SDGs का स्थानीयकरण करने तथा उनकी प्रगति की रिपोर्ट करने में सक्षम बनाएगा ।
- VLR इन लक्ष्यों की दिशा में आगे बढ़ने में आने वाली चुनौतियों, अवसरों और जरूरतों की पहचान करने में मदद करेगा। साथ ही, सतत विकास की दिशा में एक व्यावहारिक दृष्टिकोण भी प्रदान करेगा ।
- न्यूयॉर्क शहर 2018 में संयुक्त राष्ट्र के उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच (HLPF) पर अपने VLR को पेश करने वाला पहला शहर था ।
- SDGs के स्थानीयकरण (LSDGs) के तहत रणनीतियों को स्थानीय स्तर पर परिभाषित किया जाता है। साथ ही, स्थानीय स्तर पर ही उनका
- क्रियान्वयन व निगरानी की जाती है। इस तरीके से सतत विकास के वैश्विक, राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय लक्ष्यों एवं उप – लक्ष्यों को प्राप्त करना संभव होता है ।
- स्थानीयकरण इस बात से संबंधित है कि सतत विकास लक्ष्य किस प्रकार से स्थानीय विकास की नीति के लिए एक रूपरेखा प्रदान कर सकते हैं।
- साथ ही, यह इस बात पर भी बल देता है कि किस प्रकार से स्थानीय और क्षेत्रीय सरकारें, बॉटम-अप दृष्टिकोण के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद कर सकती हैं।
SDGs के स्थानीयकरण में चुनौतियां –
- उप-राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी करने के लिए वित्त, डेटा और क्षमताओं की सीमित उपलब्धता है।
- राष्ट्रीय और स्थानीय प्रयासों के बीच नीतिगत सामंजस्य व समन्वय का अभाव है।
- उप-राष्ट्रीय स्तर पर SDGs के बारे में सीमित जागरूकता है।
यूएन हैबिटैट: संयुक्त राष्ट्र मानव अधिवासन कार्यक्रम
- इसे 1978 में स्थापित किया गया था। यह 1976 में वैंकूवर (कनाडा) में आयोजित मानव अधिवासन और सतत शहरी विकास पर पहले संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (हैबिटेट-1 ) का एक परिणाम है।
- इसका मुख्यालय नैरोबी, केन्या में स्थित है।
- यह मानव अधिवासन के लिए संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी है ।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने इसे सभी को पर्याप्त अधिवास प्रदान करने के लिए सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से सतत शहरों एवं कस्बों को बढ़ावा देने का कार्य सौंपा है।
- अन्य संबंधित जानकारी: अब तक, इसके तीन सम्मेलन आयोजित किए जा चुके हैं: यूएन हैबिटैट-1 (1976) यूएन हैबिटैट – II (1996) और यूएन हैबिटैट – III (2016)
स्रोत – डाउन टू अर्थ