संपीडित बायोगैस (CBG) आधारित पहल सतत रिपोर्ट
हाल ही में संसद की एक स्थायी समिति ने संपीडित बायोगैस (CBG) आधारित सतत ( SATAT) पहल के कार्यान्वयन की समीक्षा पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है ।
किफायती परिवहन के लिए संधारणीय विकल्प ( SATAT) पहल में 5000 नवीन संपीडित बायोगैस (CBG) संयंत्र स्थापित करने की परिकल्पना की गई है।
इसका लक्ष्य 2023–24 तक प्रति वर्ष 15 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) CBG का उत्पादन करना है । SATAT पहल को 2018 में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने लॉन्च किया था।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:
- CBG परियोजनाओं को वांछित दर पर कार्यान्वित नहीं किया जा रहा है। अब तक केवल 40 CBG संयंत्र ही स्थापित किए जा सके हैं।
- CBG परियोजनाओं को सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD) नेटवर्क से जोड़ने के लिए पाइप लाइन अवसंरचनाओं के विकास हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करने की जरूरत है।
- CBG परियोजनाओं के लिए ऋण तक पहुंच में सुधार हेतु जीवाश्म ईंधन अवसंरचना कोष तथा क्रेडिट गारंटी फंड स्थापित करने की आवश्यकता है।
- नवीन CBG परियोजनाओं में निवेश करने के लिए तेल एवं गैस क्षेत्रक के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को प्रेरित किया जाना चाहिए।
- अन्य मंत्रालयों और एजेंसियों के साथ समन्वय के लिए एक मजबूत तंत्र विकसित किया जाना चाहिए।
CBG के बारे में
बायोगैस का एक संवर्धित रूप: 90 प्रतिशत से अधिक मीथेन तथा 4 प्रतिशत तक कार्बन डाइऑक्साइड होती है। साथ ही हाइड्रोजन सल्फाइड, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन जैसी अन्य गैसें भी मौजूद होती हैं ।
CBG के लाभ:
यह किसानों के लिए अतिरिक्त राजस्व स्रोत उत्पन्न कर सकती है,प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल के आयात में कमी होगी,कच्चे तेल / गैस की कीमतों में उतार-चढ़ाव के प्रभावों को कम करने में मदद करेगी आदि ।
स्रोत – द हिन्दू