सचेतक (व्हिप) किसे कहते हैं ?
हाल ही में, सांसद ‘सैयद नसीर हुसैन’ और ‘छाया वर्मा’ को राज्यसभा के सचेतक रूप में कांग्रेस पार्टी दवात नियुक्त किया गया है। जिसके पश्चात, लोकसभा और राज्य सभा में सचेतकों एवं मुख्य सचेतकों की संख्या बराबर हो गयी है।
‘सचेतक’ क्या होता है?
- यह किसी भीकिसी राजनीतिक दल का एक विशेष अधिकारी होता है जो संसद अथवा विधान सभा के बीच दल के ‘प्रवर्तक’ (Enforcer) के रूप में कार्य करता है।
- संसद के भीतरराजनीतिक पार्टियां व्हिप जारी करने के लिए अपने सदस्यों में से वरिष्ठ सदस्य को नियुक्त करती हैं , इस सदस्य को ‘मुख्य सचेतक’ (Chief Whip) कहते हैं , और इसकी सहायता हेतु पार्टियों द्वारा अतिरिक्त सचेतक को नियुक्त किया जाता है। भारत में व्हिप की अवधारणा ब्रिटिश संसदीय प्रणाली से ली गई है।
- संसदीय भाषा में व्हिप, संसद में होने वाले किसी भी मतदान में उपस्थित रहने तथा किसी विशेष तरीके से मतदान में भाग लेने के लिए, राजनीतिक पार्टी द्वारा अपने सदस्यों को जारी किया गया एक लिखित आदेश भी होता है।
सचेतक की भूमिका:
पार्टी सचेतक या व्हिप, सदन में अपनी पार्टी की आधिकारिक नीति के तहत, अपने दल के सदस्यों द्वारा मतदान सत्र में हिस्सा लेने और मतदान करने को सुनिश्चित करने का कार्य करते हैं।
व्हिप के उल्लंघन की स्थिति में
- संसद में पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने पर सदन के सदस्य पर अयोग्यता की कार्यवाही की जा सकती है। यदि, सदन में किसी पार्टी के 2/3 सदस्य पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हैं तो , उन्हें ‘दल-बदल क़ानून‘के अंतर्गत अयोग्यता कार्यवाही से छूट प्राप्त होती है।
- विदित हो कि सदस्यों की अयोग्यता का निर्धारण सदन के अध्यक्ष के द्वारा किया जाता है।
सचेतक की सीमा:
राष्ट्रपति निर्वाचन, जैसे कुछ मामलों में सचेतक या व्हिप किसी संसद सदस्य अथवा विधान सभा सदस्य को किसी विशेष प्रकार से मतदान करने का आदेश नहीं दे सकते।
स्रोत – द हिन्दू