सऊदी अरब शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में शामिल
हाल ही में सऊदी अरब एक संवाद भागीदार के रूप में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में शामिल होने के लिए सहमत हो गया है।
इस प्रकार SCO में संवाद भागीदारों की संख्या बढ़ाकर 7 हो जाएगी ।
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के बारे में
इसकी स्थापना 2001 में शंघाई में हुई थी। इसे एक अंतर-सरकारी संगठन के रूप में स्थापित किया गया था।
यह संगठन क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है, जैसे- क्षेत्रीय आतंकवाद, नृजातीय अलगाववाद, धार्मिक उग्रवाद आदि ।
यह एक यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संगठन है जिसका लक्ष्य इस क्षेत्र में शांति, सुरक्षा तथा स्थिरता बनाए रखना है।
इसे उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के प्रतिकार के रूप में देखा जाता है, यह नौ सदस्यीय आर्थिक और सुरक्षा ब्लॉक है तथा सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है।
इसके दो स्थायी निकाय हैं।
- बीजिंग में SCO का सचिवालय है।
- ताशकंद में क्षेत्रीय आतंकवाद रोधी संरचना ( RATS) की कार्यकारी समिति है ।
इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा में पर्यवेक्षक का दर्जा प्रदान किया गया है।
भारत SCO का वर्तमान अध्यक्ष है ।
भारत के लिए SCO का महत्त्व
क्षेत्र में चीन और पाकिस्तान के प्रभाव को प्रतिसंतुलित करने के लिए भारत इसे एक मंच के रूप में उपयोग कर सकता है।
मध्य एशियाई देशों के साथ मजबूत संबंध बनाने में महत्वपूर्ण है।
यूरेशियाई बाजार और संसाधनों तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित की जा सकती है।
अफगानिस्तान में तालिबान के नकारात्मक प्रभाव को कुशल तरीके से प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है।
RATS के माध्यम से क्षेत्र में आतंकवाद संबंधी गतिविधियों से निपटने में सहायक हो सकता है।
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस