संशोधित घरेलू गैस मूल्य निर्धारण दिशा-निर्देशों को मंजूरी
हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने किरीट पारिख समिति की सिफारिशों के आधार पर संशोधित घरेलू गैस मूल्य निर्धारण दिशा-निर्देशों को मंजूरी दी है।
लिगेसी या पुराने क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस (संपीडित और प्राकृतिक, दोनों) को APM (प्रशासित मूल्य तंत्र) गैस के रूप में जाना जाता है।
अब APM गैस की कीमतों को आयातित क्रूड ऑयल की कीमत के आधार पर अधिसूचित किया जाएगा।
उपर्युक्त दिशा-निर्देश निम्नलिखित क्षेत्रों से उत्पादित गैस पर लागू होंगे –
ONGC / OIL को आवंटित क्षेत्र; तथा नई अन्वेषण लाइसेंसिंग नीति (NELP) ब्लॉक्स और पूर्व – NELP ब्लॉक्स ।
पुराने मूल्य निर्धारण की तुलना में नए दिशा-निर्देशों के लाभ –
- गैस की स्थिर कीमतें घरेलू मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने में मदद करेंगी।
- भारत को गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने में मदद मिलेगी ।
- इससे उर्वरकों की कीमतों में भी कमी आएगी, क्योंकि इसके उत्पादन में गैस एक प्रमुख इनपुट सामग्री है।
- इससे सरकार पर सब्सिडी का बोझ कम होगा।
- इससे घरेलू गैस की खोज और उत्पादन में दीर्घकालिक निवेश को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी।
पुरानी मूल्य निर्धारण प्रणाली
- कीमतों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गैस की कीमतों के लिए तय किया जाता था ।
- कीमतों को छमाही आधार पर संशोधित किया जाता था ।
- गैस की कीमत की कोई आधार या ऊपरी सीमा नहीं थी ।
- पुरानी व्यवस्था में किसी भी प्रकार के प्रीमियम की अनुमति नहीं थी ।
नई मूल्य निर्धारण प्रणाली –
- इसके तहत कीमत भारतीय क्रूड बास्केट के मासिक औसत का 10 प्रतिशत होगी ।
- कीमतें मासिक आधार पर अधिसूचित की जाएंगी।
- प्रशासित मूल्य तंत्र (APM) आधार और उच्चतम मूल्य के अधीन होगा। यह मूल्य तंत्र 2 वर्षों तक अपरिवर्तित रहेगा ।
- नए दिशा-निर्देश गैस के नए क्षेत्रों से उत्पादित गैस के लिए APM पर 20 प्रतिशत प्रीमियम की अनुमति देते हैं ।
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस