भारत–बांग्लादेश ने संयुक्त सलाहकार आयोग (JCC) के सातवें दौर की बैठक आयोजित
हाल ही में भारत-बांग्लादेश ने संयुक्त सलाहकार आयोग (JCC) के सातवें दौर की बैठक आयोजित की है।
दोनों देश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा, स्टार्टअप और फिनटेक के क्षेत्रों में सहयोग का पता लगाने के लिए रणनीतिक साझेदारी का विस्तार करने पर सहमत हुए।
इसके अतिरिक्त, दोनों देश रेलवे क्षेत्र के साथ-साथ सीमा पार नदी प्रबंधन और संरक्षण में भी संबंधों को आगे बढ़ाएंगे।
भारत, बांग्लादेश के साथ 54 सीमापारीय नदियों को साझा करता है। इनमें से तीस्ता व गंगा नदियों और बराक नदी पर विद्युत परियोजना आदि को लेकर विवाद हैं।
भारत बांग्लादेश संबंधों का महत्व–
- पूर्वोत्तर की सुरक्षा और संपर्कः एक मित्र देश के रूप में बांग्लादेश यह सुनिश्चित कर सकता है कि उसकी भूमि का उपयोग भारत विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाए। इसके अलावा, पूर्वोत्तर भारत के राज्य भू-आबद्ध हैं तथा बांग्लादेश के माध्यम से समुद्र तक पहुंचने का मार्ग छोटा है।
- दक्षिण पूर्व एशिया के लिए सेतुः बांग्लादेश, भारत की ‘एक्ट ईस्ट नीति का एक स्वाभाविक स्तंभ है। साथ ही, वह बिम्सटेक (BIMSTEC) के अलावा बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और भारत (BBIN) पहल का भी महत्वपूर्ण घटक भी है।
- व्यापार संबंधः बांग्लादेश, दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है।
- चीन को संतुलित करनाः तटस्थ बांग्लादेश इस क्षेत्र में आक्रामक चीन को नियंत्रण में रखना सुनिश्चित करेगा।
हाल ही में, बांग्लादेश ने अपने पद्मा ब्रिज के ‘बेल्ट एंड रोड पहल’ का हिस्सा होने के चीन के दावों का खंडन किया है। पद्मा ब्रिज बांग्लादेश की सबसे बड़ी अवसंरचना परियोजना है।
स्रोत -द हिन्दू