संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का अफगानिस्तान संकल्प
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने अफगानिस्तान संकल्प पर ‘प्रमुख चिंताओं को संबोधित किया है ।
भारत की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने UNSC संकल्प 2593 को अंगीकृत किया है। फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा प्रायोजित इस प्रस्ताव के पक्ष में 13 सदस्यों ने मतदान किया तथा विरोध में किसी भी सदस्य ने मतदान नहीं किया।
रूस और चीन मतदान से पृथक रहे। उनके अनुसार इसमें कुछ समूहों, विशेष रूप से इस्लामिक स्टेट (ISIL) और उइगरईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ETIM) को इसदस्तावेज़ में विशिष्ट रूप से नामित नहीं किया गया है।
संकल्प के प्रमुख बिंदु
- अफगान क्षेत्र का उपयोग किसी भी देश को धमकी देने या हमला करने या आतंकवादियों को शरण देने और प्रशिक्षित करने तथा आतंकवादी हमलों की योजना निर्माण या वित्त पोषण के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
- यह विशेष रूप से UNSC संकल्प 1267 द्वारा नामित आतंकियों का उल्लेख करता है,जिसमें लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JAM) शामिल हैं। यद्यपि, इस संकल्प में तालिबान का कई बार उल्लेख किया गया है, परन्तु उसकी निंदा नहीं की गई है।
- भारत ने संकल्प को पारित करने में सक्रिय भूमिका निभाई है। इसने अफगानिस्तान में राज्य अभिकर्ताओं पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव उत्पन्न किया और विशेष रूप से LeT तथा JeM की भूमिका को प्रकट किया।
- भारत ने जनवरी 2021 में UNSC के एक अस्थायी सदस्य के रूप में अपना द्विवार्षिक कार्यकाल (भारत का आठवां कार्यकाल) आरंभ किया था। भारत एक माह (अगस्त) तकUNSC का अध्यक्ष रहा था ।
स्थायी सदस्य, वीटो अधिकार
- चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका।
गैर-स्थायी सदस्य, दो वर्ष का कार्यकाल (10)
- अफ्रीका (3); एशिया (2); लैटिन अमेरिका (2); पश्चिमी यूरोप तथा अन्य (2); पूर्वी यूरोप (1)
अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा कायम करना संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का प्राथमिक उत्तरदायित्व है। यह संयुक्त राष्ट्र का एकमात्र अंग है, जिसके पास निर्णय लेने की शक्ति है तथा जिसे कार्यान्वित करने हेतु सदस्य राष्ट्र बाध्य होते हैं।
स्रोत – द हिन्दू