संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC)
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पांच नए अस्थाई सदस्य चुने गए।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वर्ष 2023-2024 कार्यकाल के लिए निम्नलिखित देशों को अस्थायी सदस्य के रूप में चुना गया है: इक्वाडोर, जापान, माल्टा, मोजाम्बिक और स्विट्जरलैंड।
ये देश भारत, आयरलैंड, केन्या, मैक्सिको और नॉर्वे की जगह लेंगे। इन देशों का कार्यकाल वर्ष 2022 के अंत में समाप्त हो रहा है।
UNSC संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में से एक है। इसकी प्राथमिक जिम्मेदारी अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने की है।
संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत, सभी सदस्य देश परिषद के निर्णयों का पालन करने के लिए बाध्य हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 15 सदस्य होते हैं–
- वीटो की शक्ति वाले स्थायी सदस्य (5)-चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका।
- गैर-स्थायी सदस्य, दो वर्षों के कार्यकाल के लिए (10)– अफ्रीका (3),एशिया (2) ,लैटिन अमेरिका (2),पश्चिमी यूरोप और अन्य (2),पूर्वी यूरोप (1)
भारत ने सुरक्षा परिषद में अपना दो वर्षीय कार्यकाल जनवरी 2021 में शुरू किया था। यह UNSC में कुल मिलाकर भारत का आठवां कार्यकाल था।
UNSC के कार्यकाल के दौरान भारत नॉर्म्स: “एक दुरुस्त बहुपक्षीय व्यवस्था के लिए अभिविन्यास” (NORMS: New Orientation for a Reformed Multilateral System) नामक थीम के तहत पांच प्राथमिकताओं पर कार्य कर रहा है।
UNSC में भारत द्वारा केंद्रित प्रमुख प्राथमिकताएं निम्नलिखित हैं:
- UNSC के बाहर कार्यरत अभिकर्ताओं को शामिल करके आतंकवाद-रोधी उपायों को और अधिक प्रभावी बनाना।
- संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना बल का आधुनिकीकरण और इसे अधिक समावेशी बनाकर अधिक प्रभावी शांति बहाली।
- चुनावी जवाबदेही के माध्यम से सुरक्षा परिषद निर्णय प्रणाली को अधिक मानव-केंद्रित बनाना।
- समुद्री सुरक्षा पर उच्च स्तरीय हस्ताक्षर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
- एक अन्य सुर्खियों में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बहुभाषावाद पर भारत-प्रायोजित संकल्प को अपनाया है। इसमें पहली बार हिंदी भाषा का उल्लेख किया गया है।
- यह संकल्प संयुक्त राष्ट्र संघ को हिंदी सहित आधिकारिक और गैर-आधिकारिक भाषाओं में महत्वपूर्ण संचारों का प्रसार जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
संयुक्त राष्ट्र की छह आधिकारिक भाषाएं निम्नलिखित हैं:
अरबी, चीनी, अंग्रेजी, फ्रेंच, रूसी और स्पेनिश।
स्रोत –द हिन्दू