संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन फ्रेमवर्क 2030
हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन द्वारा वर्ष 2030 तक प्रकृति के प्रबंधन हेतु एक नवीन वैश्विक फ्रेमवर्क जारी किया गया है ।
- संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन (Convention on Biological Diversity: CBD) द्वारा जारी यह फ्रेमवर्क प्रकृति और लोगों को इसके द्वारा प्रदत्त आवश्यक सेवाओं को सुरक्षित तथा संरक्षित करने के लिए विश्व भर में कार्यों का मार्गदर्शन करेगा।
- इसमें वर्ष 2030 के लिए 21 लक्ष्य और वर्ष ‘2050 तक मानवता के लिए प्रकृति के साथ सामंजस्य में रहना’ के विज़न को प्राप्त करने हेतु चार उद्देश्य शामिल हैं।
- अक्टूबर 2021 में कुनमिंग (चीन) में निर्धारित CBDकी कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज-15(COP-15) में इसे और अधिक परिष्कृत किया जाएगा।
लक्ष्य:
- वैश्विक भूमि और समुद्री क्षेत्रों का कम से कम 30% संरक्षित किया जाना।
- आक्रामक विदेशी प्रजातियों के प्रवेश तथा उनके प्रभाव की दर में 50% तक की कमी करना।
- पर्यावरण में नष्ट हो जाने वाले पोषक तत्वों को कम से कम आधा और कीटनाशकों को कम से कम दो तिहाई तक न्यून करनासाथ ही, प्लास्टिक अपशिष्ट के निर्वहन को समाप्त करना।
- प्रकृति के प्रबंधन के लिए विकासशील देशों को सभी स्रोतों से अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रवाह में 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि सुनिश्चित करना।
उद्देश्यः
- जैव विविधता की विलुप्ति और गिरावट को रोकना।
- संरक्षण प्रयासों द्वारा मनुष्यों के लिए प्रकृति प्रदत्त सेवाओं को बनाए रखना और उनका संवर्धनकरना।
- आनुवंशिक संसाधनों के उपयोग से सभी को उचित और समान लाभ सुनिश्चित करना।
- उपलब्ध वित्तीय और कार्यान्वयन के अन्य साधनों के मध्य अंतर को समाप्त करना।
CBD के बारे में
- इसे वर्ष 1992 में रियो डी जेनेरियो में पृथ्वी शिखर सम्मेलन में हस्ताक्षर के लिए प्रस्तुत किया गया था और यह दिसंबर 1993 में प्रभावी हुआ था।
- CBD पहुंच और लाभ–साझाकरण पर नागोया प्रोटोकॉल, जैव सुरक्षा पर कार्टाजेना प्रोटोकॉल तथा आईची जैव विविधता लक्ष्यों के कार्यान्वयन का समर्थन करता है।
स्रोत – द हिन्दू