संपूर्ण वस्तु और सेवा कर (GST) प्रतिपूर्ति बकाया चुकता
हाल ही में केंद्र सरकार ने अब तक का संपूर्ण वस्तु और सेवा कर (GST) प्रतिपूर्ति बकाया चुका दिया है ।
यह निर्णय राज्यों को उनके संसाधनों के प्रबंधन में सहायता करने के लिए लिया गया है। इसके अलावा, बकाया प्राप्त होने से राज्य सरकारें वित्तीय वर्ष के दौरान अपने कार्यक्रमों, विशेष रूप से पूंजीगत व्यय का सफलतापूर्वक संचालन कर सकेंगी।
GST को 1 जुलाई, 2017 को लागू किया गया था। यह एक गंतव्य आधारित कर है, जो देश में वस्तुओं और सेवाओं की खपत पर लागू होता है।
गंतव्य आधारित कर के परिणामस्वरूप विनिर्माण-गतिविधियों वाले राज्यों के लिए राजस्व की हानि होती है।
इसलिए, राज्यों को GST के क्रियान्वयन के कारण होने वाले किसी भी राजस्व के नुकसान के विरुद्ध पांच वर्ष की अवधि के लिए क्षतिपूर्ति का आश्वासन दिया गया था।
इसके लिए माल और सेवा कर (राज्यों को प्रतिकर) अधिनियम, 2017 में प्रावधान किए गए हैं।
इसका भुगतान द्विमासिक आधार पर किया जाता है।
चुनिंदा वस्तुओं या सेवाओं या दोनों की आपूर्ति पर GST प्रतिपूर्ति उपकर एकत्र किया जाता है।
इनमें विलासिता, डिमेरिट और सिन वस्तुएं शामिल हैं, जैसे- पान मसाला, तंबाकू के विभिन्न उत्पाद आदि।
एकत्रित उपकर की राशि प्रतिपूर्ति कोष में जमा की जा रही है। राज्यों को मुआवजे का भुगतान 1 जुलाई 2017 से प्रतिपूर्ति कोष से किया जा रहा है।
हाल ही में, कई राज्यों ने GST प्रतिपूर्ति उपकर व्यवस्था को और पांच वर्षों के लिए बढ़ाये जाने की मांग की है। उन्होंने महामारी के कारण GST संग्रह कम होने और खर्चों में वृद्धि का हवाला देते हुए यह मांग की है।
स्रोत –द हिन्दू