महामारी संधि मसौदे का नवीनतम संस्करण जारी
हाल ही में, महामारी संधि के मसौदे के नवीनतम संस्करण को विश्व स्वास्थ्य सभा (WHA) में साझा किया गया था । जिसमें कहा गया कि – ‘महामारी संधि’ से रोगाणुरोधी प्रतिरोध (Antimicrobial Resistance: AMR) से जुड़े प्रावधान को हटाने से मानवता को भविष्य की महामारियों का सामना करना पड़ेगा ।
- विदित हो कि विश्व स्वास्थ्य सभा WHO की निर्णय लेने वाली एक संस्था है ।
- हालांकि, पहले महामारी संधि के मसौदे AMR नीति के निर्देशों पर आधारित थे, लेकिन पहले दौर की वार्ताओं के बाद इन सभी प्रविष्टियों को अब हटाए जाने का खतरा है ।
- WHA ने दिसंबर 2021 में महामारी संधि पर कार्य शुरू किया था । ऐसा इस संबंध में एक अंतर्राष्ट्रीय दस्तावेज का मसौदा तैयार करने तथा उस पर वार्ता करने के लिए एक वैश्विक प्रक्रिया पर सहमत होने के बाद किया गया था ।
महामारी संधि के बारे में
- इसका उद्देश्य महामारी को रोकना, जीवन की रक्षा करना, बीमारियों का बोझ कम करना और आजीविका की रक्षा करना है ।
- ऐसा महामारी को रोकने, उसके लिए तैयारी करने और प्रतिक्रिया देने तथा स्वास्थ्य प्रणालियों की रिकवरी के लिए वैश्विक क्षमताओं को मजबूत करके किया जाएगा
- यह सभी सरकारों और सभी समाजों को शामिल करने के दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करती है। साथ ही, महामारी की रोकथाम, तैयारियों और प्रतिक्रिया संबंधी पहलुओं को निर्धारित करती है।
चिंताएं–
- यह टीकों और उपचारों तक बेहतर पहुंच की मांगों से ध्यान भटकाने का प्रयास लगता है।
- प्रस्तावित महामारी संधि के अधिकतर प्रावधान पहले से ही अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियम (IHR), 2005 के तहत उपलब्ध हैं ।
- WHO के पास पहले से ही IHR के नाम से ज्ञात बाध्यकारी नियम हैं।
- ये उन देशों के दायित्वों को निर्धारित करते हैं, जहां पर लोक स्वास्थ्य संबंधी घटनाओं के प्रभावों की सीमाओं को पार करने की संभावना होती है।
रोगाणुरोधी प्रतिरोध (Antimicrobial Resistance: AMR)
- रोगाणुरोधी प्रतिरोध का तात्पर्य किसी भी सूक्ष्मजीव (बैक्टीरिया, वायरस, कवक, परजीवी, आदि) द्वारा एंटीमाइक्रोबियल दवाओं (जैसे एंटीबायोटिक्स, एंटीफंगल, एंटीवायरल, एंटीमाइरियल और एंटीहेलमिंटिक्स) जिनका उपयोग संक्रमण के इलाज के लिये किया जाता है, के खिलाफ प्रतिरोध हासिल कर लेने से है।
- परिणामस्वरूप मानक उपचार अप्रभावी हो जाते हैं, संक्रमण जारी रहता है और दूसरों में फैल सकता है।
- रोगाणुरोधी प्रतिरोध विकसित करने वाले सूक्ष्मजीवों को कभी-कभी “सुपरबग्स” के रूप में जाना जाता है।
स्रोत – द हिन्दू