संधारणीयता के लिए विरासत– यूनाइटेड नेशंस (UN) हैबिटैट
हाल ही में संधारणीयता के लिए विरासत- यूनाइटेड नेशंस (UN) हैबिटैट ने पिंक सिटी जयपुर के लिए योजना बनाई है।
UN हैबिटेट के निष्कर्ष सतत शहर समेकित दृष्टिकोण प्रायोगिक परियोजना पर आधारित हैं।
- इस निष्कर्ष में रणनीतिक उपायों का प्रस्ताव करने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए शहर के शहरी विकास से संबंधित मुद्दों को रेखांकित किया गया है।
- इस परियोजना को वैश्विक पर्यावरण सुविधा (Global Environment Facility: GEF) से वित्तपोषण प्राप्त हुआ है।
- GEF सबसे बड़ा बहुपक्षीय कोष है। इसे वर्ष 1992 में पृथ्वी शिखर सम्मेलन में स्थापित किया गया था। विश्व बैंक इस कोष का ट्रस्टी है। यह कोष विकासशील देशों को प्रकृति से जुड़ी योजनाओं में निवेश करने में सक्षम बनाता है।
- जयपुर को अर्बन सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट फ्रेमवर्क (USAF) पर तीन की समग्र सततता रेटिंग मिली है। MUSAF को UN-हैबिटेट ने विकसित किया है।
- यह सतत और लोचशील शहरी योजना निर्माण के लिए एक निर्णय समर्थक साधन है। यह सभी चरणों में जलवायु अनुकूलन और शमन को प्राथमिकता प्रदान करता है।
संयुक्त राष्ट्र मानव अधिवासन कार्यक्रम (UN-हैबिटेट) के बारे में–
- यह मानव अधिवासों के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की एक एजेंसी है।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने इसे (वर्ष 1978 में) सभी को पर्याप्त अधिवास प्रदान करने के लिए सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से सतत शहरों एवं कस्बों को बढ़ावा देने का कार्य सौंपा है।
UN-हैबिटैट के कार्यों को रेखांकित करने वाले मुख्य दस्तावेज निम्नलिखित हैं:
- मानव अधिवासन पर वैंकूवर घोषणा (हैबिटेट-i),
- मानव अधिवासन पर इस्तांबुल घोषणा (हैबिटेट-2 और पर्यावास एजेंडा),
- नई सहस्राब्दी में शहरों और अन्य मानव अधिवासों पर घोषणा तथा संकल्प 56/206
जयपुर के लिए UN हैबिटेट के प्रमुख प्रस्ताव
- परिवहन के अलग-अलग साधनों के लिए किराये का एकीकरणः इससे आवाजाही सुविधाजनक होगी। साथ ही, यातायात का बोझ कम होगा और वाहन उत्सर्जन में भी कमी आएगी।
- शहर में 800 सूखे कुओं का उपयोग वर्षा जल संचयन के लिए किया जा सकता है। इससे भूजल स्तर में वृद्धि होगी तथा शहरी बाढ़ की घटनाओं में कमी आएगी।
- हरित आवरण में बढ़ोतरी करने और जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए इको-ट्रेल्स निर्मित किये जाने चाहिए।
स्रोत – द हिंदू