श्रीविल्लीपुथुर-मेगामलाई टाइगर रिज़र्व और वैगई नदी : तमिलनाडु
तमिलनाडु में वैगई नदी के प्राथमिक जलग्रहण क्षेत्र मेगामलाई (Megamalai) को सुरक्षा तथा जल स्तर वृद्धि हेतु, हाल ही में घोषित ‘श्रीविल्लीपुथुर-मेगामलाई टाइगर रिज़र्व’ (Srivilliputhur – Megamalai Tiger Reserve), सहायक होगा ।
वैगई नदी:
- वैगई नदी का उद्गम पश्चिमी घाट (Western Ghat) में वरुशनाद हिल्स से होता है, जो तमिलनाडु के ‘पंड्या नाडु’ क्षेत्र से होकर गुज़रती है।
- इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ सुरुलियारु, मुलैयारु, वरगनाधी, मंज़लारू, कोट्टागुडी, कृधुमाल और उप्पारू हैं।
- वैगई नदी की लम्बाई 258 किलोमीटर जो वरुशनाद पहाड़ी से चलकर अंत में रामनाथपुरम ज़िले में पंबन पुल के पास पाक जलडमरूमध्य में जाकर गिर जाती है।
हेरिटेज़ रिवर:
- वैगई नदी दक्षिणी तमिलनाडु के 4 – 11वीं सदी के प्राचीन पांड्य साम्राज्य की प्रसिद्ध राजधानी, ‘मदुरै’ से होकर बहती थी, जिसका उल्लेख संगम साहित्य में भी मिलता है।
- मुख्य रूप से यह नदी तमिलनाडु के 5 ज़िलों थेनी, मदुरै, रामनाथपुरम, शिवगंगई और डिंडीगुल में पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करती है। इसके साथ ही इस नदी से इस राज्य की लगभग 2,00,000 हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई भी होती है।
वैगई का कायाकल्प:
- इस नदी का प्रवाह अठारहवीं शताब्दी के अंत से कम होने लगा, क्योंकि अंग्रेज़ों ने मेगामलाई क्षेत्र के वनों की कटाई प्रारंभ कर दी, जो वैगई नदी के लिये एक प्रमुख जलग्रहण क्षेत्र के रूप में कार्य करता है। इसके परिणाम स्वरुप नदी में पानी का प्रवाह धीरे-धीरे कम हो गया।
- वर्ष 1876-77 के समय आये भीषण अकाल के समय इस क्षेत्र में लगभग 2,00,000 लोग मारे गए। इस अकाल के पश्चात ब्रिटिश क्राउन ने केरल की पेरियार नदी को एक सुरंग के माध्यम से वैगई नदी से जोड़ने का प्रस्ताव रखा था ।
- वैगई नदी को वर्तमान समय में लगभग 80 प्रतिशत पानी पेरियार बाँध से मिलता है। शेष 20 प्रतिशत पूर्वोत्तर मानसून के मौसम के दौरान मेगामलाई क्षेत्र के प्रमुख जलग्रहण क्षेत्र से मिलता है।
- इस तरह हाल ही में घोषित ‘श्रीविल्लीपुथुर-मेगामलाई टाइगर रिज़र्व’ जंगली जानवरों और प्राकृतिक जंगलों के साथ ही उनके आवासों को रक्षा प्रदान करेगा, जो जलग्रहण क्षेत्र के रूप में कार्य करते हैं।
श्रीविल्लीपुथुर-मेगामलाई टाइगर रिज़र्व:
- इस टाइगर रिज़र्व को केंद्र और तमिलनाडु दोनों सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से वर्ष 2021 में घोषित किया गया था।
- मेगामलाई टाइगर रिज़र्व के लिये मेगामलाई वन्य जीव अभ्यारण्य (Megamalai Wild Life Sanctuary) और उससे सटे श्रीविल्लीपुथुर वन्य जीव अभ्यारण्य (Srivilliputhur Wild Life Sanctuary) को एक साथ जोड़ा गया था। यह टाइगर रिज़र्व तमिलनाडु का 5वां और भारत का 51वां टाइगर रिज़र्व है।
- यहाँ पाई जाने वाली पारिस्थितिक विविधता में प्रमुख जानवर बंगाल टाइगर, हाथी, गौर, भारतीय विशालकाय गिलहरी, तेंदुआ, नीलगिरि तहर आदि हैं।
- इस वन क्षेत्र में उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन और अर्द्ध-सदाबहार वन, शुष्क पर्णपाती वन तथा नम मिश्रित पर्णपाती वन एवं घास के मैदान पाए जाते हैं।
तमिलनाडु के अन्य चार टाइगर रिज़र्व:
- अनामलाई टाइगर रिज़र्व
- कलक्कड़ मुंडनथुराई टाइगर रिज़र्व
- मुदुमलाई टाइगर रिज़र्व
- सत्यमंगलम टाइगर रिज़र्व
स्रोत: द हिन्दू