श्रीलंका ने 13 और भारतीय मछुआरों को हिरासत में लिया
हाल ही में, श्रीलंकाई अधिकारियों ने 68 भारतीय मछुआरों और 10 नौकाओं को हिरासत में लिया है। उनके अनुसार ये मछुआरे श्रीलंका के जल राज्यक्षेत्र में अवैध रूप से मत्स्यन कर रहे थे।
भारत ने श्रीलंका सरकार के समक्ष भारतीय मछुआरों और नौकाओं की शीघ्र रिहाई का मुद्दा उठाया है।
भारत-श्रीलंका मत्स्यन विवाद के लिए उत्तरदायी कारण
परिभाषित समुद्री सीमा का अभावः
- हालांकि, भारत और श्रीलंका ने वर्ष 1974-76 के मध्य चार समुद्री सीमा समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे, किंतु दोनों देशों के मध्य कोई सुपरिभाषित समुद्री सीमा नहीं है।
- दोनों देशों के मध्य वर्ष 1974 के समझौते ने संसाधन संपन्न कच्चातिवु द्वीप को श्रीलंका को सौंप दिया था। तमिल मछुआरों को इस द्वीप पर सदियों से मछली पकड़ने का पारंपरिक अधिकार प्राप्त था।
कठोर निगरानीः
- वर्ष 2009 के बाद से, श्रीलंकाई नौसेना ने तमिल विद्रोहियों की संभावित वापसी को रोकने के लिए अपनी उत्तरी समुद्री सीमा की निगरानी कठोर कर दी है।
- यह तमिलनाडु तट के समीप समुद्री संसाधनों की कमी (निरंतर बॉटम-ट्रॉलिंग के कारण) का ही परिणाम है कि भारतीय मछुआरे अपेक्षाकृत संसाधन-समृद्ध श्रीलंकाई जलक्षेत्र की ओर आकर्षित होते हैं। श्रीलंका ने वर्ष 2017 में अपने जलक्षेत्र में बॉटम-ट्रॉलिंग पर प्रतिबंध लगा दिया था।
स्रोत – द हिन्दू