शिरुई लिली महोत्सव
हाल ही में मणिपुर में राज्य स्तरीय शिरुई लिली महोत्सव (Shirui Lily Festival) 2022 के चौथे संस्करण का आयोजन किया गया है।
- मणिपुर में यह वार्षिक उत्सव सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा शिरुई लिली (Shirui Lily) के फूल के बारे में जागरूकता लाने के लिये आयोजित किया जाता है।
- 4 दिन चलने वाले इस महोत्सव का उद्घाटन मणिपुर के राज्यपाल और मुख्यमंत्री द्वारा उखरुल ज़िले के शिरुई गाँव में किया गया।
- इस महोत्सव को अप्रैल और मई के आसपास आयोजित किया जाता है क्योंकि यह समय ‘शिरुई लिली’ के खिलने का होता है।
- ज्ञात हो कि यहफूल भारत में केवल मणिपुर के उखरुल ज़िलेमें पाया जाता है, और इसे विश्व में कहीं भी नहीं उगाया जा सकता है।
- मणिपुर में इस पुष्प की खोज वर्ष 1946 में अंग्रेज़ वैज्ञानिक फ्रैंक किंग्डन-वार्ड द्वारा की गई थी।
- अपनी बहुत सी विशेषताओं के कारण ही इस पुष्प ने वर्ष 1948 में रॉयल हॉर्टिकल्चरल सोसाइटी (Royal Horticultural Society- RHS) लंदन के एक फ्लॉवर शो में श्रेष्ठता पुरस्कार जीता था।
शिरुई लिली
- शिरुई लिली मणिपुर का राजकीय पुष्प है।
- यह 3 फीट लंबा और घंटी के आकार का नीला-गुलाबी रंग का पुष्प है। इसका वैज्ञानिक नाम लिलियम मैकलिनिया (Lilium Mackliniae) है।
- शिरुई लिली, ग्राउंड लिली (Ground Lily) की एक प्रजाति है, जो केवल मणिपुर की शिरुई पहाड़ी (Shirui Hills) के आसपास पाई जाती है।
- इस क्षेत्र में तांगखुल नागा जनजाति निवास करती है।
- तांगखुल जनजाति द्वारा इसे स्थानीय भाषा में काशोंग तिम्रावोन कहा जाता है, जो तिम्रावोन के नाम पर रखा गया है।
स्रोत –द हिन्दू