शिंजो आबे जापान के पूर्व प्रधानमंत्री

शिंजो आबे जापान के पूर्व प्रधानमंत्री

विदित हो कि, हाल ही में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या कर दी गई थी ।

शिंजो आबे सबसे लंबे कार्यकाल तक जापान के प्रधानमंत्री रहे थे। उन्होंने जापान की अर्थव्यवस्था का कायाकल्प करने और वैश्विक मंच पर इसकी भूमिका को फिर से स्थापित करने के लिए अधिक मुखर नीतियों पर बल दिया था।

उनकी पुस्तक उत्सुकुशी कुनी ई (टुवार्ड्स ए ब्यूटीफुल कंट्री) में भारत का विशेष उल्लेख किया गया है।

शिंजो आबे के प्रमुख योगदान

  • आर्थिक : उनकी आर्थिक नीति को ‘आबेनॉमिक्स’ के रूप में जाना जाता है। इसे वर्ष 2013 में शुरू किया गया था। इसमें मौद्रिक नीति में लोचशीलता, राजकोषीय प्रोत्साहन और संरचनात्मक सुधारों को अपनाकर दो दशकों से अधिक समय तक व्याप्त अवस्फीति (deflation) को दूर करने के उपाए किये गए थे।
  • विदेश नीति : उनकी ‘आर्क ऑफ फ्रीडम एंड प्रोस्पेरिटी’ नीति के तहत, हिंद-प्रशांत क्षेत्र एक सामयिक राजनीतिक, सामरिक और आर्थिक वास्तविकता के रूप में उभरा है।
  • रक्षा : उन्होंने लोगों, वस्तुओं, पूंजी और ज्ञान के मुक्त प्रवाह के लिए वर्ष 2007 में चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद (QUAD) का विचार प्रस्तुत किया था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार जापानी सैनिकों को विदेशी भमि पर लड़ने की अनुमति देने के लिए संविधान की फिर से व्याख्या की गई थी। साथ ही, उस प्रावधान को भी रद्द कर दिया गया था, जिसके तहत एक मित्र देश पर हमले की दशा में उसकी रक्षा करने के अधिकार का प्रयोग करने पर प्रतिबंध था।
  • सामाजिक : वुमेनिक्स की नीति अपनायी गयी थी। इसके तहत कंपनियों को विशेष रूप से तैयार की गई सरकारी नीतियों की मदद से महिलाओं के नियोजन को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया गया था। इस नीति के तहत महिलाओं को नियोजित करने वाली कंपनियों को पुरस्कृत करने के लिए तरजीही सरकारी अनुबंध और सरकार द्वारा वित्त पोषित डे-केयर सेंटर की सुविधाएं प्रदान की गयी थीं।

भारतजापान संबंधों में उनका योगदान

  • आबे ने शांति और सुरक्षा के लिए भारत-जापान के बीच विशेष सामरिक एवं वैश्विक साझेदारी को बढ़ावा दिया था।
  • आबे के कार्यकाल में, जापान ने प्रमुख परियोजनाओं में सहायता के माध्यम से भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के दसवें हिस्सा का योगदान दिया था। इन परियोजनाओं में मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर परियोजना भी शामिल थी।
  • उन्होंने चार अंतर्राष्ट्रीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं में भारत के प्रवेश का समर्थन किया था। इसके अतिरिक्त, रक्षा उपकरणों और प्रौद्योगिकी में भी सहयोग को बढ़ावा दिया था।
  • शिंजो आबे के योगदान के लिए, भारत सरकार ने उन्हें वर्ष 2021 में प्रतिष्ठित पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था।

स्रोत द हिन्दू

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