शंघाई सहयोग संगठन (SCO) परिषद की 20वीं बैठक आयोजित
हाल ही में सरकार प्रमुखों की शंघाई सहयोग संगठन (SCO) परिषद की 20वीं बैठक आयोजित की गई ।
SCO एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। इसकी घोषणा वर्ष 2001 में शंघाई (चीन) में की गई थी।
इस संगठन की उत्पत्ति वर्ष 1998 के शंघाई फाइव (चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस और ताजिकिस्तान) समूह से हुई थी।
भारत और पाकिस्तान वर्ष 2017 में अस्ताना में हुई बैठक में इस संगठन में शामिल हुए थे। भारत द्वारा उठाए गए मुद्दे-
- SCO में जानबूझकर द्विपक्षीय मुद्दों को उठाकर SCO चार्टर के सिद्धांतों और मानदंडों का उल्लंघन (पाकिस्तान और चीन को परोक्ष रूप से संदर्भित किया गया है) किया जा रहा है।
- भारत ने त्वरित और कुशलतापूर्वक कार्य करने में वैश्विक संस्थानों की कमजोरी (यथा कोविड-19 द्वारा प्रकटकी गई) को रेखांकित किया। साथ ही, एक सुधारीकृत और पुनः सक्रिय बहुपक्षवाद का आह्वान किया, जो वर्तमान की वास्तविकताओं को दर्शाता है।
- चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) की अप्रत्यक्ष आलोचना करते हुए भारत ने कनेक्टिविटी पहलों को परामर्शी, पारदर्शी और भागीदारीपूर्ण बनाये जाने का आह्वान किया।
भारत के लिए SCO का महत्व
- यह रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण यूरेशियन क्षेत्र के मामलों में भारत को अधिक परिदृश्य प्रदान करता यह भारत को यूरेशियन सुरक्षा समूह के एक अभिन्न अंग के रूप में, इस क्षेत्र में धार्मिक उग्रवाद और आतंकवाद को प्रभावहीन करने (SCO की क्षेत्रीय आतंकवाद-रोधी संरचना का उपयोग करके) में सक्षम बनाता है।
- भारत को एक ऐसा मंच प्रदान करता है, जहां वह चीन और पाकिस्तान दोनों के साथ रचनात्मक रूप से संलग्न हो सकता है।
- यह भारत को खनिजों और ऊर्जा संसाधन समृद्ध मध्य एशियाई क्षेत्र तक पहुंच प्राप्त करने में मदद करेगा।
स्रोत – द हिन्दू