शंघाई सहयोग संगठन (SCO)

शंघाई सहयोग संगठन (SCO)

हाल ही में यह चर्चा है कि, ईरान और बेलारूस को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के नए सदस्य के रूप में शामिल किया जा रहा है।

इस पर निर्णय सितंबर में उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित होने वाले SCO शिखर सम्मेलन में लिया जाएगा।

ईरान को SCO में शामिल करने का निर्णय पिछले वर्ष के दुशांबे शिखर सम्मेलन में लिया गया था। बेलारूस ने सदस्यता के लिए अपना आवेदन दायर कर दिया है।

इस बैठक में, भारत ने ‘SCO’ सदस्य देशों के व्यापार जगत के बीच औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम तथा संगठन और प्रदर्शनी कार्यक्रमों के आयोजन के लिए विनियमों का प्रारूप भी साझा किया।

वर्ष 2017 में भारत और पाकिस्तान के समूह में शामिल होने के बाद शंघाई सहयोग संगठन का यह दूसरा विस्तार है।

शंघाई सहयोग संगठन में विस्तार का महत्व-

  • सदस्यों की संख्या में वृद्धि SCO को अधिक वैधता प्रदान करेगी। साथ ही, इसके सदस्यों के लिए सुरक्षा और आर्थिक लाभ प्रदान करेगी।
  • अधिक बड़े क्षेत्र के साथ कनेक्टिविटी और एकीकरण में सुधार होगा।

शंघाई सहयोग संगठन

  • आठ सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन का मुख्यालय बीजिंग में है। यह एक आर्थिक और सुरक्षा संगठन है।
  • इसके आठ सदस्य हैं: चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान।
  • SCO के मुख्य लक्ष्य हैं: आपसी विश्वास को मजबूत करना; राजनीति, व्यापार, अर्थव्यवस्था व अनुसंधान में प्रभावी सहयोग करना आदि।
  • भारत अगले वर्ष (2023) SCO शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। वाराणसी को SCO क्षेत्र की पहली “पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी” के रूप में चुना गया है।

स्रोत –द हिन्दू

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