व्यापक पशुधन बीमा योजना
हाल ही में केंद्र सरकार ‘पशुधन बीमा योजना’ के तहत कवरेज का विस्तार करने के लिए इस योजना में सुधार करेगी।
वर्ष 2022-23 में पशुधन के शून्य बीमा कवरेज को देखते हुए केंद्र सरकार एक ‘व्यापक पशुधन बीमा योजना’ शुरू करने पर विचार कर रही है।
इसे प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना की तर्ज पर निर्मित किया जाएगा ।
शुरुआती प्रस्ताव के अनुसार अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति समुदायों के पशुपालकों के लिए प्रीमियम माफ किया जा सकता है।
वर्तमान में, देश के 1 प्रतिशत से भी कम मवेशियों का बीमा किया गया है। साथ ही, औसत वार्षिक प्रीमियम बीमित राशि का 4.5 प्रतिशत है।
व्यापक पशुधन बीमा योजना, वर्तमान पशुधन बीमा योजना (LIS) की जगह लेगी । LIS एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इसे तत्कालीन मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी विभाग ने 2008-09 में 100 चयनित जिलों में नियमित रूप से क्रियान्वित किया था ।
इस योजना के अंतर्गत प्रति दुग्धपान चक्र के दौरान कम से कम 1500 लीटर दूध देने वाली मादा मवेशियों व भैसों को उच्च दुग्ध प्रदाता माना जाता है। इसलिए, उनका बीमा वर्तमान बाजार मूल्य से अधिक पर किया जाता है ।
सब्सिडी की पूरी लागत केंद्र सरकार वहन करती है। इस योजना के तहत अधिकतम तीन वर्ष की पॉलिसी के लिए प्रति लाभार्थी अधिकतम 2 पशुओं के लिए सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है।
यह बीमा योजना संबंधित राज्यों के राज्य पशुधन विकास बोर्डों के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही है। इसका क्रियान्वयन गोवा को छोड़कर सभी राज्यों में किया जा रहा है।
पशुधन बीमा योजना (LIS) के उद्देश्य
- किसानों और पशुपालकों को उनके पशु की मृत्यु के कारण किसी भी प्रकार के नुकसान के लिए सुरक्षा तंत्र प्रदान करना।
- लोगों को पशुधन बीमा के लाभ के बारे में जागरूक करना। साथ ही, पशुधन तथा इनके उत्पादों में गुणात्मक सुधार प्राप्त करने के सर्वोत्तम लक्ष्य के साथ इसे लोकप्रिय बनाना।
स्रोत – द हिन्दू