भारत-संयुक्त अरब अमीरात व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) वार्ता
व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता – ध्यातव्य है कि इसके संबंध में औपचारिक वार्ता सितंबर, 2021 में शुरू हुई थी। इसका उद्देश्य मार्च 2022 तक एक समझौते पर हस्ताक्षर करना है।
दोनों देशों ने उन क्षेत्रों में उत्पादों को सूचीबद्ध किया है, जिनके लिए वे हाल ही में आयोजित तीसरे दौर की वार्ता में परस्पर छूट चाहते हैं।
भारत-UAE व्यापार संबंधों के बारे में –
- संयुक्त अरब अमीरात वर्ष 2019-20 में 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
- वित्त वर्ष 2021 में UAE भारत का तीसरा (अमेरिका और चीन के बाद) सबसे बड़ा वस्तु निर्यात बाजार रहा है।
- संयुक्त अरब अमीरात भारत में आठवां सबसे बड़ा निवेशक है। इसने अप्रैल 2000 और मार्च 2021 के मध्य 11 बिलियन अमरीकी डॉलर का निवेश किया है।
समझौते पर हस्ताक्षर का महत्व
- इसके माध्यम से द्विपक्षीय पण्य व्यापार के आगामी पांच वर्षों में 100 बिलियन डॉलर तक बढ़ने की अपेक्षा है।
- वित्त वर्ष 2021 में यह व्यापार 43 बिलियनडॉलर का है। UAE संपूर्ण अफ्रीका और विश्व के कई अन्य भागों के लिए प्रवेश द्वार है।
- संयुक्त अरब अमीरात में भी बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी निवासरत हैं। यह वस्त्र, रत्न और आभूषण, चमड़े, जूते तथा खाद्य उत्पादों के लिए एक बड़ा बाजार है।
- यह समझौता, प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के साथ निष्पक्ष और संतुलित व्यापार समझौते स्थापित करने की भारत की व्यापक रणनीति का एक हिस्सा है।
- विशेष रूप से भारत के चीन के प्रभुत्व वाली बेल्ट एंड रोड पहल का भाग नही होने के बाद यह समझौता और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।
व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) के बारे में
- CEPA सेवाओं और निवेश एवं आर्थिक साझेदारी के अन्य क्षेत्रों में व्यापार को भी शामिल करता है।
- जब देश मुक्त व्यापार समझौते से अगले चरण में प्रवेश करते हैं, तब वे अधिकाधिक रूप से आर्थिक एकीकरण के लिए सहमति प्रकट करते हैं। इसका परिणाम व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (CECA) या CEPA या इनका संयोजन होता है।
- CECA में नकारात्मक सूची और प्रशुल्क दर कोटा (ma) मदों को छोड़कर सूचीबद्ध/समीवस्तुओं पर चरणबद्ध तरीके से केवल प्रशुल्क में कमी/उन्मूलन शामिल है।
स्रोत – द हिन्दू