व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक 2019 (PDP) Bill
हाल ही में व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (Personal Data Protection (PDP) Bill) विधेयक, 2019 पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट जारी की गई है ।
PDP विधेयक पहली बार वर्ष 2019 में प्रस्तावित किया गया था और इसे परीक्षण के लिए JPC को प्रेषित किया गया था।
JPC वर्ष 2019 से रिपोर्ट पर विचार कर रही है तथा इस संबंध में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कई बार JPC के कार्यकाल को बढ़ाया भी गया है।
PDP विधेयक व्यक्तियों के निजी डेटा की सुरक्षा प्रदान करता है। ऐसे व्यक्तिगत डेटा को संसाधित करने के लिए एक ढांचा तैयार करता है। साथ ही, इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए एक डेटा संरक्षण प्राधिकरण (DPA) की स्थापना भी करता है।
JPC की प्रमुख सिफारिशें –
- विधिक रूप से PDP विधेयक का नाम परिवर्तित कर डेटा संरक्षण विधेयक किया जाना चाहिए।
- व्यक्तिगत और गैर-व्यक्तिगत डेटा के लिए एकल DPA स्थापित करना चाहिए।
- सरकार को विदेशी संस्थाओं के साथ संवेदनशील और व्यक्तिगत डेटा की एक मिरर प्रति सुनिश्चित करनी चाहिए। साथ ही, कुछ विशेष परिस्थितियों में सीमा पार डेटा प्रवाह को प्रतिबंधित करना चाहिए।
- सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (जो मध्यस्थ के रूप में कार्य नहीं करते हैं) उन्हें प्रकाशकों के रूप में माना जाना चाहिए। साथ ही, उनके द्वारा होस्ट किए जाने वाले कंटेंट के लिए उन्हें उत्तरदायी ठहराया जाना चाहिए।
- डेटा लीक के मामले में, कंपनी द्वारा उल्लंघन के बारे में पता चलने के 72 घंटों के भीतर DPA को सूचित किया जाना चाहिए।
- डेटा उल्लंघन के लिए सरकारी विभागों के प्रमुख को प्रत्यक्ष रूप से उत्तरदायी नहीं ठहराया जाना चाहिए।
- विशेष रूप से बच्चों के डेटा के साथ कार्य करने वाले डेटा न्यासी को स्वयं को DPA में पंजीकृत कराना होगा।
स्रोत – द हिन्दू