वैश्विक साइबर सुरक्षा सूचकांक 2020 (Global Cyber Security Index)
हाल ही में, अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (International Telecommunication Union – ITU) द्वारा वर्ष 2020 का ‘वैश्विक साइबर सुरक्षा सूचकांक’ (Global Cyber Security Index – GCI) जारी किया गया है।
विदित हो कि ‘अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ’(ITU) सूचना और संचार प्रौद्योगिकी पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी है।
सूचकांक के मुख्य बिंदु :
- ‘वैश्विक साइबर सुरक्षा सूचकांक’, वैश्विक स्तर पर साइबर सुरक्षा के प्रति विभिन्न देशों की प्रतिबद्धता को परखने वाला एक विश्वसनीय संकेतक है।
- इस सूचकांक के अंतर्गत , देशों का 5 स्तंभों – ‘विधिक, तकनीकी और संगठनात्मक उपायों, क्षमता विकास और समग्र अंकों का निर्माण करने के लिए सहयोग’ के आधार पर आंकलन किया जाता है।
- इसके तहत, विभिन्न देशों से 82 प्रश्न पूछे गए, जिसके आधार पर 20 संकेतकों को मापा गया।
सूचकांक में विभिन्न देशों का प्रदर्शन
- वर्ष 2020’ के ‘वैश्विक साइबर सुरक्षा सूचकांक’ में भारत को दसवें स्थान पर रखा गया है। वर्ष 2019 तथा वर्ष 2018 में भारत को 47 वां स्थान प्राप्त हुआ था।
- एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत को चतुर्थ स्थान हासिल हुआ है। पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान को क्रमश: 33 और 79वां स्थान प्राप्त हुआ है।
सूचकांक में शीर्ष 5 स्थानों पर देश:
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- ब्रिटेन और सऊदी अरब
- एस्टोनिया
- दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और स्पेन
- रूस, संयुक्त अरब अमीरात और मलेशिया
देशों के समक्ष साइबर सुरक्षा की सामान्य चुनौतियां:
- विभिन्न देशो को बीच डिजिटल अंतराल, साइबर क्षेत्र में एक अरक्षणीय वातावरण का निर्माण करता है।
- कोविड -19 महामारी के पश्चात संसार भर में बढ़ती डिजिटल निर्भरता ने डिजिटल असमानताओं को उजागर कर दिया है, इसे क्षमता निर्माण के माध्यम से समाप्त किया जाना चाहिए।
- आतंकवादियों द्वारा अपनी विचारधारा का प्रचार-प्रसार करने और घृणा फ़ैलाने में साइबर स्पेस का कुशलता से उपयोग किया जाता है।
साइबर सुरक्षा खतरों से निपटने हेतु भारत द्वारा किए जा रहे उपाय:
- भारत अपनी ‘पहली साइबर सुरक्षा रणनीति’ पर कार्य कर रहा है।कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (Computer Emergency Response Teams- CERT), राष्ट्रीय स्तर पर कंप्यूटर सुरक्षा संबंधी घटनाओं के लिए प्रतिक्रिया के समन्वय और सहयोग करने वाली एक जिम्मेदार एजेंसी है।
- कुछ समय पहले‘ऑनलाइन साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल’ शुरू किया गया है। इस पोर्टल पर, चाइल्ड पोर्नोग्राफी / बाल यौन शोषण सामग्री, बलात्कार/सामूहिक बलात्कार के चित्रों या यौन-प्रदर्शन करने वाली सामग्री से संबंधित शिकायतों की रिपोर्ट की जासकती है।
- देश में साइबर अपराध से संबंधित मुद्दों को व्यापक और समन्वित तरीके से निपटान के लिए‘भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र’ (Indian Cyber Crime Coordination Centre – I4C)की सथापना की जा रही है।
- इसके अलावा देश में महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचनाओं के संरक्षण हेतु ‘राष्ट्रीय महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र’ (National Critical Information Infrastructure Protection Centre – NCIIPC) की स्थापना की गई है।
स्रोत – द हिन्दू