वैश्विक लैंगिक अंतराल (GGG) रिपोर्ट, 2022
हाल ही में विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने वैश्विक लैंगिक अंतराल (GGG) रिपोर्ट, 2022 जारी की गई है।
वैश्विक लैंगिक अंतराल सूचकांक चार प्रमुख आयामों पर लैंगिक समानता की वर्तमान स्थिति और उसके विकासक्रम पर आधारित है ।
इस सूचकांक के प्रत्येक चार उप-सूचकांकों और समग्र सूचकांक पर GGG, 0 और 1 के बीच अंक प्रदान करता है। जहां अंक 1 पूर्ण लैंगिक समानता की स्थिति दिखाता है, वहीं 0 पूर्ण लैंगिक असमानता की स्थिति दिखाता है।
इस सूचकांक को वर्ष 2006 में लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य लैंगिक अंतराल को समाप्त करने के लिए सबसे प्रभावी नीतियों की पहचान करने में सहायता करना है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
- वर्ष 2022 में, विश्व स्तर पर लगभग 1% लैंगिक अंतराल समाप्त हो जाएगा। वर्ष 2021 की तुलना में यह मामूली सुधार है।
- रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा प्रगति की दर पर पूर्ण लैंगिक समानता प्राप्त करने में 132 वर्ष लगेंगे।
- अभी तक किसी भी देश ने पूर्ण लैंगिक समानता हासिल नहीं की है। विश्व की 10 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने लगभग 80% लैंगिक अंतराल समाप्त कर दिया है।
भारत से संबंधित निष्कर्ष –
- भारत “स्वास्थ्य और उत्तरजीविता” (health and survival) उप-सूचकांक में विश्व में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला देश है।
- इस उप-सूचकांक में भारत 146वें स्थान पर है। राजनीतिक सशक्तीकरण उप-सूचकांक में भारत के अंक में गिरावट दर्ज की गयी है। इसका कारण यह है कि भारत में बहुत कम समय के लिए महिलाएं राज्य प्रमुख के पद पर रही हैं।
- वैश्विक लैंगिक अंतराल सूचकांक- 2022 में भारत 148 देशों में 135 वें नंबर पर है। जिसमें भारत का रैंक स्कोर 629 है ।
- पड़ोसी देशों की रैंकिंग भारत से बेहतर है- बांग्लादेश (71), नेपाल (96), श्रीलंका (110), मालदीव (117) और भूटान (126)।
स्रोत –द हिन्दू