वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण
हाल ही में, वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण (Global Youth Tobacco Survey: GYTS-4) भारत, 2019 की नेशनल फैक्ट शीट का विमोचन किया गया है।
- यह सर्वेक्षण स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के तहत जनसंख्या विज्ञान के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थान (International Institute for Population Sciences: IPS) द्वारा आयोजित किया गया था। ज्ञातव्य है कि यह इस सर्वेक्षण का चौथा संस्करण है।
- सर्वेक्षण का उद्देश्य तंबाकू के उपयोग, तंबाकू का त्याग, अन्यों के द्वारा धूम्रपान का प्रभाव, पहुंच और उपलब्धता, तंबाकू के दुष्परिणामों से संबंधित जानकारियों तक पहुँच, तंबाकू के विपणनके प्रति जागरूकता एवं ग्रहणशीलता, ज्ञान तथा दृष्टिकोण के बारे में जानकारी प्रदान करना था।
मुख्य निष्कर्ष
- विगत दशक में स्कूल जाने वाले 13-15 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों द्वारा तंबाकू सेवन के मामलों में 42 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
- किसी भी प्रकार के तंबाकू के सेवन की प्रवृत्ति लड़कियों की तुलना में लड़कों में अधिक देखी गई है।
- स्कूल जाने वाले बच्चों (13-15 वर्ष) में तंबाकू का उपयोग अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम मेंसर्वाधिक तथा हिमाचल प्रदेश एवं कर्नाटक में सबसे कम है।
- दूसरों के द्वारा किये गये धूम्रपान का प्रभाव 29.5 प्रतिशत छात्रों पर पड़ा है। ।
- सिगरेट धूम्रपान करने वाले 38 प्रतिशत, बीड़ी धूम्रपान करने वाले 47 प्रतिशत औरधूम्रपान रहित तंबाकू का सेवन करने वाले 52 प्रतिशत बच्चों ने 10 वर्ष की आयु प्राप्त करने से पूर्व ही तंबाकू का सेवन प्रारंभ कर दिया था।
भारत में तंबाकू की खपत के निर्धारक
- कीमत और उपलब्धता ।
- नवोन्मेषी उत्पादों और विपणन रणनीतियों द्वारा आकर्षित होना।
- तंबाकू के सेवन के प्रभावों के बारे में जागरूकता की कमी।
- सामाजिक-आर्थिक कारक ।
वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण (Global Youth Tobacco Survey: GYTS) के बारे में
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा अपनी तंबाकू मुक्त पहल (IFI) के माध्यम से तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंडप्रिवेंशन (CDC) में स्थित ऑफिस ऑनस्मोकिंग एंड हेल्थ (OSH) द्वारा GYTS का विकास गया है। ध्यातव्य है कि संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) भी इसके विकास में सहयोगी है।
- यह कक्षा 8 से कक्षा 10 तक के अध्ययनरत 13-15 वर्ष की आयु वर्ग के बालकों में धूम्रपान और धूम्र रहित तंबाकू के प्रसार का आकलन करने के लिए एक मानक साधन है।
- पूर्व में भारत में GYTS के तीन सर्वेक्षण (वर्ष 2003, वर्ष 2006 और वर्ष 2009) आयोजित किए जा चुके हैं।
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस