वैश्विक भूखमरी सूचकांक 2023
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में जारी ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 में भारत 125 देशों में से 111वें स्थान पर है, जिसे सरकार ने “गलत और दुर्भावनापूर्ण इरादे वाला” करार दिया है।
वैश्विक भूख सूचकांक (जीएचआई) के संदर्भ में:
- सामान्य दृष्टिकोण में भुखमरी भोजन की कमी से होने वाली समस्यायों को संदर्भित करती है। हालाँकि GHI महज इसी आधार पर भुखमरी का मापन नहीं करता, बल्कि यह भुखमरी की बहुआयामी प्रकृति पर विचार करता है।
इसके लिये GHI चार आधारों पर विचार करता है:
- अल्पपोषण: जनसंख्या का वह हिस्सा जिसका कैलोरी सेवन अपर्याप्त है। यह GHI स्कोर के 1/3 भाग का निर्माण करता है।
- चाइल्ड स्टंटिंग: 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों का वह हिस्सा जिनका कद उनकी आयु के अनुरूप कम है, जो गंभीर अल्पपोषण को दर्शाता है। यह GHI स्कोर के 1/6 भाग का निर्माण करता है।
- चाइल्ड वेस्टिंग: 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों का वह हिस्सा जिनका वजन उनके कद के अनुरूप कम है, जो तीव्र अल्पपोषण को दर्शाता है। यह भी GHI स्कोर के 1/6 भाग का निर्माण करता है।
- बाल मृत्यु दर: पाँच वर्ष की आयु से पूर्व मृत्यु का शिकार हो जाने वाले बच्चों का हिस्सा, जो अपर्याप्त पोषण और अस्वास्थ्यकर वातावरण के घातक मिश्रण को प्रकट करता है। यह GHI स्कोर के 1/3 भाग का निर्माण करता है।
- देशों को 100-बिंदु पैमाने पर रैंक किया जाता है, जिसमें 0 और 100 क्रमशः सर्वोत्तम और सबसे खराब संभावित स्कोर होते हैं।
वैश्विक भूखमरी सूचकांक के परिणाम और निहितार्थ:
- भूखमरी दुनिया की प्रमुख समस्याओं में से एक है और इसलिए यह सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों में से एक है।
- भूख और अल्पपोषण एक दुष्चक्र का निर्माण करते हैं, जो अक्सर पीढ़ी-दर-पीढ़ी “हस्तांतरित” होता रहता है।
- गरीब माता-पिता के बच्चे अक्सर कम वजन वाले पैदा होते हैं और उनमें बीमारी के प्रति प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती है; वे ऐसी परिस्थितियों में बड़े होते हैं जो जीवन भर उनकी बौद्धिक क्षमता को क्षीण कर देती हैं।
- उच्च वैश्विक भूख सूचकांक में योगदान देने वाले कारकों की पहचान इस प्रकार की गई है: कम आय और गरीबी, युद्ध और हिंसक संघर्ष, स्वतंत्रता की सामान्य कमी, महिलाओं की निम्न स्थिति, और खराब तरीके से लक्षित और वितरित स्वास्थ्य और पोषण कार्यक्रम।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2023 में भारत 125 देशों में से 111वें स्थान पर है और देश में बच्चों में वेस्टिंग दर (18.7 प्रतिशत) सबसे अधिक है।
- ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2022 में भारत 121 देशों में से 107वें स्थान पर था।
- सूचकांक पर आधारित एक रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2023 में 28.7 अंक के साथ भारत में भूख का स्तर गंभीर है।
- भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान (102वें), बांग्लादेश (81वें), नेपाल (69वें) और श्रीलंका (60वें) ने सूचकांक में उससे बेहतर प्रदर्शन किया है।
- दक्षिण एशिया और अफ्रीका महाद्वीप के दक्षिणी देश दुनिया के सबसे अधिक भूख स्तर वाले क्षेत्र हैं, जिनमें से प्रत्येक का जीएचआई स्कोर 27 है, जो गंभीर भूखमरी का संकेत देता है।
भारत सरकार द्वारा GHI 2023 की आलोचना का कारण:
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमओडब्ल्यूसीडी) ने एक बार फिर जीएचआई पर सवाल उठाया और इसे “भूखमरी का त्रुटिपूर्ण माप, जो भारत की वास्तविक स्थिति को प्रतिबिंबित नहीं करता” कहा।
- इसमें कहा गया है कि इसके पोषण ट्रैकर पोर्टल पर दर्ज किए गए डेटा से पता चला है कि पांच साल से कम उम्र के कुल 7.24 करोड़ बच्चों में चाइल्ड वेस्टिंग का प्रचलन 7.2% है, जबकि जीएचआई ने चाइल्ड वेस्टिंग के लिए 18.7% के मूल्य का उपयोग किया है।
- मंत्रालय ने आगे कहा कि दो अन्य संकेतक, स्टंटिंग और वेस्टिंग, भूख के अलावा स्वच्छता, आनुवांशिकी, पर्यावरण और भोजन सेवन के उपयोग जैसे कई अन्य कारकों की जटिल बातचीत के परिणाम हैं, जिन्हें स्टंटिंग और वेस्टिंग के लिए प्रेरक/परिणाम कारक के रूप में लिया जाता है।
- जीएचआई ने कहा है कि वह सर्वेक्षण का उपयोग नहीं करता है, बल्कि अल्पपोषण की गणना के लिए भारत की खाद्य बैलेंस शीट के आंकड़ों पर निर्भर करता है।
- मंत्रालय ने तर्क दिया कि सूचकांक की गणना के लिए उपयोग किए जाने वाले चार संकेतकों में से तीन बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित हैं और पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते हैं।
भुखमरी से निपटने के लिये सरकार द्वारा की गई प्रमुख पहलें:
- पोषण अभियान (POSHAN)
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना
- फूड फोर्टिफिकेशन (Food Fortification)
- मिशन इन्द्रधनुष
- ‘ईट राइट इंडिया मूवमेंट’ (Eat Right India Movement)
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस