वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन 2023 संपन्न
हाल ही में वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन, 2023 “नई दिल्ली घोषणा-पत्र” के साथ समाप्त हुआ है।
- इस शिखर सम्मेलन का आयोजन संस्कृति मंत्रालय ने दिल्ली स्थित अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के सहयोग से किया था ।
- इस सम्मेलन का उद्देश्य बौद्ध धर्म से संबंधित और सार्वभौमिक चिंताओं के मामलों पर विचार करने के लिए दुनिया भर के बौद्ध विद्वानों, परिसंघ के नेताओं एवं बौद्ध धर्मावलंबियों को एक मंच पर एक साथ लाना था ।
नई दिल्ली घोषणा-पत्र की मुख्य विशेषताएं:
- वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में, बौद्ध धर्म के ग्रंथ, सिद्धांत और दर्शन विभिन्न धार्मिक विश्वासों के बीच संवाद, सद्भाव और सार्वभौमिक शांति सुनिश्चित करने के लिए सर्वोत्तम मार्गदर्शक साधन हैं ।
- जीवंत विरासत के रूप में बौद्ध तीर्थ-यात्रा के महत्व को पहचाना जाए ।
- इस शिखर सम्मेलन में भारत की सॉफ्ट पावर रणनीति में बौद्ध धर्म की बढ़ती भूमिका को रेखांकित किया गया ।
- गौरतलब है कि सॉफ्ट पावर रणनीति के तहत अनुनय (Persuasion) और आकर्षण (Attraction) का उपयोग करके, प्रतिस्पर्धा या संघर्ष के बिना दूसरों के व्यवहार में परिवर्तन लाया जाता है ।
बौद्ध कूटनीति की दिशा में की गई अन्य पहलें :
- प्रधान मंत्री बौद्ध धर्म को अपनी राजनयिक यात्राओं का नियमित हिस्सा बनाते रहे हैं और साझी बौद्ध विरासत पर भी बल देते रहे हैं ।
- धर्मशाला में दलाई लामा और तिब्बत की निर्वासित सरकार की उपस्थिति ने वैश्विक बौद्ध समुदाय के बीच भारत की छवि को मजबूत किया है।
- भारत ने साउथ कोरिया के बौद्ध तीर्थयात्रियों की मेजबानी की है।
- अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को पार करने वाले विशेष बौद्ध पर्यटक सर्किटों का निर्माण किया गया है।
- नालंदा विश्वविद्यालय का जीर्णोद्धार किया गया है, आदि ।
बौद्ध कूटनीति को बढ़ावा देने का महत्व –
- बौद्ध धर्म की सभी एशियाई देशों में उपस्थिति है, और इस क्षेत्र में राष्ट्रीय पहचान स्थापित करने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- बौद्ध धर्म के आधार पर एशियाई देशों के साथ गहरे संबंध स्थापित करने से “नेबरहुड फर्स्ट’ और ‘एक्ट ईस्ट नीति के लक्ष्य प्राप्त किए जा सकते हैं।
स्रोत – पी.आई.बी.