संयुक्त राष्ट्र का बच्चों की सुरक्षा पर पहला वैश्विक नीतिगत फ्रेमवर्क
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने जलवायु परिवर्तन के कारण विस्थापित हो रहे बच्चों की सुरक्षा पर पहला वैश्विक नीतिगत फ्रेमवर्क जारी किया है ।
दिशा-निर्देशों से युक्त यह नीतिगत फ्रेमवर्क अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM), संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) और अन्य संगठनों ने जारी किया है।
इस फ्रेमवर्क का शीर्षक है- ‘द गाइडिंग प्रिंसिपल्स फॉर चिल्ड्रन ऑन द मूव इन द कॉन्टेक्स्ट ऑफ क्लाइमेट चेंज‘।
विस्थापित बच्चों के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत: यह नौ सिद्धांतों का एक समूह है-
- राजनीतिक : जवाबदेही ,भागीदारी, राष्ट्रीयता ,
- व्यक्तिगत : पारिवारिक एकता ,भेदभाव ,सुरक्षा ,सेवाओं तक पहुँच
- व्यापक सिद्धांत : बच्चों के सर्वाधिक हित में अधिकार आधारित दृष्टिकोण
ये सिद्धांत उन बच्चों की विशेष सुभेद्यता को संबोधित करते हैं, जो जलवायु परिवर्तन के कारण विस्थापित हो गए हैं।
इन दिशा-निर्देशों में आंतरिक के साथ-साथ सीमा पार प्रवास, दोनों को शामिल किया गया है।
ये दिशा-निर्देश राष्ट्रीय और स्थानीय सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों तथा सिविल सोसाइटी समूहों को बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने वाली नीतियों के निर्माण के लिए एक आधार प्रदान करते हैं।
जलवायु परिवर्तन और बच्चे
- विश्व के 33 देशों में ऐसे एक अरब बच्चे रह रहे हैं, जिन पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सर्वाधिक खतरा है।
- केवल वर्ष 2020 में ही मौसम संबंधी घटनाओं के कारण लगभग एक करोड़ बच्चे विस्थापित हो गए थे।
- ऐसे बच्चों को कई तरह के खतरों का सामना करना पड़ता है। जैसे-दुर्व्यवहार, तस्करी, शोषण आदि।
- 10-14 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों में होने वाली सभी मौतों में से 36% के लिए आंशिक रूप से, पर्यावरणीय कारक जिम्मेदार हैं।
- वर्ष 2019 में कुल प्रवासियों में 14% बच्चे थे।
स्रोत –द हिन्दू