वैश्विक डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) शिखर सम्मेलन आयोजित
हाल ही में वैश्विक डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया है । यह सम्मेलन G20 के डिजिटल अर्थव्यवस्था पर कार्य समूह (DEWG) की बैठक के भाग के रूप में पुणे में आयोजित किया गया है।
भारत की अध्यक्षता में, G20 के DEWG ने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) को एक प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया है ।
DPI के इस सम्मेलन की थीम थी: “डीपीआईफॉरईज़ ऑफ लिविंग, ईज़ ऑफ डूइंगबिजनेसएंडईज़ ऑफ गवर्नेस” ।
DPI सम्मेलन के प्रमुख निष्कर्ष:
- भारत ने इंडिया स्टैक साझा करने के लिए तीन देशों (आर्मेनिया, सिएरालियोन और सूरीनाम) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं ।
- भारत ने ‘वन फ्यूचरएलायंस’ की अवधारणा प्रस्तुत की है । यह एक स्वैच्छिक पहल है।
- इस एलायंस का उद्देश्य DPI के भविष्य को सहक्रियात्मक बनाने (synergize), उसे आकार देने तैयार करने और डिजाइन करने के लिए सभी देशों व हितधारकों को एक साथ लाना है। इस प्रकार सभी देश DPI का उपयोग कर सकेंगे ।
- DPI का तात्पर्य साझा डिजिटलबिल्डिंगब्लॉक्स के एक सेट से है, जैसे एप्लीकेशंस, सिस्टम्स और प्लेटफॉर्म्स। ये इंटरऑपरेबल ओपन स्टैंडर्ड्स या स्पेसिफिकेशंस द्वारा संचालित होते हैं।
- भारत में आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले DPIs को सामूहिक रूप से इंडिया स्टैक के नाम से जाना जाता है।
इसके तीन अलग-अलग स्तर हैं-
- विशिष्ट पहचान (आधार);
- बेहतर भुगतान प्रणाली (एकीकृत भुगतान इंटरफेस, आधार भुगतान ब्रिज, आधार सक्षम भुगतान सेवा आदि); तथा
- डेटा एक्सचेंज (डिजिलॉकर और अकाउंट एग्रीगेटर) ।
DPI के लाभ:
- यह मानव पूंजी को संचित करने और संवृद्धि को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य एवं शिक्षा सेवाओं के बेहतर वितरण को सक्षम बनाता है।
- यह भुगतान और वित्तीय सेवाओं तक पहुंच को बढ़ाताहै ।
- अर्थव्यवस्था में रूपांतरण और समावेशीसंवृद्धि का समर्थन करता है।
- नवाचार और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देता है ।
- वित्तीय समावेशन में अंतराल को कम करता है; सरकारी राजस्व संग्रह को बढ़ाता है आदि ।
स्रोत – पी.आई.बी.