‘ग्लोबल नेटवर्क अगेंस्ट फूड क्राइसिस’ (GNAFC) की वैश्विक खाद्य संकट रिपोर्ट
हाल ही में ‘ग्लोबल नेटवर्क अगेंस्ट फूड क्राइसिस’ (GNAFC) द्वारा वैश्विक खाद्य संकट रिपोर्ट (Global Report on Food Crises: GRFC 2022) का छठा वार्षिक संस्करण जारी किया गया है।
इस रिपोर्ट के आधार पर संयुक्त राष्ट्र (UN) ने कहा है कि, वर्ष 2021 में 4 करोड़ और लोगों को गंभीर भुखमरी का सामना करना पड़ा था
GNAFC की स्थापना यूरोपीय संघ, खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) और विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने वर्ष 2016 के विश्व मानवीय शिखर सम्मेलन में की थी।
इस संगठन की स्थापना निम्नलिखित उद्देश्यों से की गयी है:
- खाद्य संकटों की रोकथाम करना,
- खाद्य संकटों के लिए तैयार रहना,
- खाद्य संकटों से निपटने के लिए प्रतिक्रियात्मक उपाय करना, तथा
- भुखमरी की समाप्ति से संबंधित सतत विकास लक्ष्य (SDG-2) का समर्थन करना।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष –
- वर्ष 2021 में 53 देशों/ राज्यक्षेत्रों में लगभग 3 करोड़ लोग विकट खाद्य असुरक्षा (Acute food insecurity) का सामना कर रहे थे। यह संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 4 करोड़ अधिक है।
- संयुक्त राष्ट्र के अनुसार “विकट खाद्य असुरक्षा (Acute food insecurity)” वह स्थिति है, जब किसी व्यक्ति की पर्याप्त भोजन का उपभोग करने में असमर्थता उसके जीवन या आजीविका को तत्काल खतरे में डाल देती है। भुखमरी की वह स्थिति है, जो अकाल और बड़े पैमाने पर मौतों का कारण बन सकती है।
खाद्य असुरक्षा के तीन मुख्य कारण हैं:
- संघर्ष,
- जलवायु परिवर्तन और
- आर्थिक चुनौतियाँ
रिपोर्ट में वर्ष 2022 में भी गंभीर खाद्य असुरक्षा की आशंका प्रकट की गई है। इसका कारण यूक्रेन में जारी युद्ध है। इसका वैश्विक खाद्य, ऊर्जा और उर्वरक की कीमतों एवं आपूर्ति पर प्रभाव पड़ रहा है।
सुझाव
- खाद्यान्न तक पहुंच की बाधाओं को दूर करने के लिए, अग्रिम पंक्ति की मानवीय सहायता के रूप में छोटी जोत वाली कृषि को अधिक प्राथमिकता देने की आवश्यकता
- 3×3 दृष्टिकोण का उपयोग करके खाद्य सुरक्षा और बेहतर पोषण प्राप्त करने की आवश्यकता है।
स्रोत –द हिन्दू