वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण परिणाम
हाल ही में ‘वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद’ (CSIR) और नई दिल्ली स्थित एक अन्य प्रयोगशाला इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स ऐंड इंटिग्रेटिव बायोलॉजी (IGIB) द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण कराया गया था। जिसके परिणाम CSIR ने हाल ही में जारी कर दिए हैं ।
सीरो सर्वेक्षण का उद्देश्यलोगों में कोविड-19 के प्रति प्रतिरोधक क्षमता स्तर और हर्ड इम्यूनिटी के स्तर को परखना है।
उसमे व्यक्ति के रुधिर में उपस्थित सीरम का परीक्षण किया जाता है ।
इसे सार्स-सीओवी-2 वायरस के खिलाफ उत्पन्न होने वाली विशिष्ट एंटीबॉडी की उपस्थिति का पता लगाने के उद्देश्य से किया गया है।
सर्वेक्षण के परिणाम:
- यह सर्वेक्षण 10,427 व्यक्तियों पर किया गया था। इनमें सेकेवल 14% लोगों में ही ‘सीरो पॉजिटिविटी’ कम पाई गई, अर्थात मात्र 14 प्रतिशत लोगों की सार्स-सीओवी-2 वायरस से संक्रमित होने की सम्भावना कम है ।
- इस सर्वेक्षण में बताया गया कि लोगों में न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडीज में गिरावट आई है। इससे लोगों के फिर से संक्रमित होने की सम्भावना बढ़ गयी है।
- न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडीज रोगजनकों से कोशिकाओं की रक्षा के लिए जिम्मेदार हैं।
- हालाँकि धूम्रपान करने वालों और शाकाहारी भोजन करने वालों में ‘सीरो पॉजिटिविटी’ कम पाई गई है।साथ ही ‘0’ रक्त समूह वाले लोगों के कोरोना वायरस से प्रभावित होने की आशंका कम है।
सीरो पॉजिटिविटी क्या है?
यह रक्त परीक्षण में एक विशेष एंटीबॉडी के लिए एक सकारात्मक परिणाम दिखाता है। ‘सीरो पॉजिटिविटी’ से तात्पर्य है कि, ऐसे लोगों के सार्स-सीओवी-2 वायरस से संक्रमित होने की सम्भावना कम होती है।
एंटीबॉडी क्या है?
- यह एक रक्त प्रोटीन है, जो वायरस से लड़ने के लिए उत्पन्न होता है। एंटीबॉडी विशिष्ट एंटीजन के खिलाफ उत्पन्न होते हैं। अधिक एंटीबॉडी का मतलब उच्च प्रतिरक्षा है।
- एंटीबॉडी संक्रमण के विरुद्ध प्रतिरक्षा प्रणाली एक महत्त्वपूर्ण साधन है।ये बैक्टीरिया या वायरस की सतह पर संरचनाओं से बँध जाते हैं और उनको विकसित होने से रोकते हैं।
स्रोत – द हिन्दू