वृद्धजनों के लिए जीवन गुणवत्ता सूचकांक 2021
हाल ही में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (Economic Advisory Council to the Prime Minister: EAC-PM) द्वारा वृद्धजनों के लिए जीवन गुणवत्ता सूचकांक, 2021 (Quality of Life for Elderly Index, 2021) प्रकाशित किया गया है ।
- ‘प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद’ के अनुरोध पर इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पीटीविनेस द्वारा यह सूचकांक तैयार किया गया है।
- सूचकांक आधारित यह रिपोर्ट भारतीय राज्यों में आय में वृद्धि के क्षेत्रीय प्रारूप की पहचान करने के साथ-साथ देश में आयु बढ़ने की समग्र स्थिति का भी आकलन करती है।
- एक साधन के रूप में इस सूचकांक का उपयोग करते हुए, राज्य सरकारें और हितधारक उन क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं, जिन पर उन्हें अपनी बुजुर्ग पीढ़ी को एक सुविधापूर्ण जीवन प्रदान करने के लिए अतिरिक्त प्रयास किएजाने की आवश्यकता है।
आकलन की विधि
- इस सूचकांक की संरचना में चार स्तंभ- वित्तीय कल्याण, सामाजिक कल्याण, स्वास्थ्य प्रणाली और आय सुरक्षा शामिल है ।
- राज्यों के बीच उचित तुलना स्थापित करने के लिए वृद्ध आबादी वाले राज्यों (पांच मिलियन से अधिक वृद्धजन) और अपेक्षाकृत वृद्ध आबादी वाले राज्यों (पांच मिलियन से कम वृद्धजन) के बीच विभेद स्पष्ट किया गया है।
- पूर्वोत्तर के राज्यों और संघ राज्यक्षेत्रों के लिए दो पृथक-पृथक श्रेणियां निर्धारित की गई हैं। यह निर्धारण उनकी भौगोलिकता और वृद्धजन आबादी के हिस्से के आधार पर किया गया है।
मुख्य निष्कर्ष
- स्वास्थ्य प्रणाली स्तंभ अखिल भारतीय स्तर पर उच्चतम राष्ट्रीय औसत प्रदर्शित करता है। इसके उपरांत समाज कल्याण, वित्तीय कल्याण तथा अंत में आय सुरक्षा स्तंभ का स्थान है।
- राजस्थान और हिमाचल प्रदेश क्रमशः वृद्ध और अपेक्षाकृत वृद्ध आबादी वाले राज्यों में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले प्रांत हैं।
- चंडीगढ़ और मिजोरम क्रमशः संघ राज्यक्षेत्रों और पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों की श्रेणी में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले क्षेत्र हैं।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM )
EAC-PM भारत सरकार को विशेष रूप से प्रधान मंत्री को आर्थिक और संबंधित मुद्दों पर परामर्श प्रदान करने के लिए गठित एक स्वतंत्र निकाय है।
स्रोत –पीआईबी