वृक्ष संरक्षण हेतु महाराष्ट्र सरकार का धरोहर वृक्षों का सुरक्षा कार्यक्रम

वृक्ष संरक्षण हेतु महाराष्ट्र सरकार का धरोहर वृक्षों का सुरक्षा कार्यक्रम

हाल ही में, महाराष्ट्र सरकार ने धरोहर वृक्षों के संरक्षण (Heritage Trees) हेतु कुछ प्रावधान लागू करने के लिए अपने ‘महाराष्ट्र (शहरी क्षेत्र) वृक्ष सुरक्षा एवं संरक्षण अधिनियम’ 1975 (Maharashtra (Urban Areas) Protection and Preservation of Trees Act of 1975) में संशोधन के प्रस्ताव को अनुमति प्रदान की है।

‘हेरिटेज-ट्री’ क्या हैं?

ऐसे पुराने वृक्ष जो लगभग 50 वर्षों से या उससे भी अधिक की आयु के हैं, को ‘धरोहर वृक्ष’ के रूप में परिभाषित किया गया है।

प्रस्तावित संशोधन के प्रावधान:

  1. विशेष सुरक्षा : ‘धरोहर वृक्ष’ की अवधारणा से हेरिटेज ट्री को विशेष सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
  2. प्रतिपूरक वृक्षारोपण (Compensatory plantation):किसी ‘हेरिटेज ट्री’को काटने पर काटे गए वृक्ष की आयु के बराबर संख्या में नए वृक्ष लगाने होंगे एवं सात वर्षों तक इन नए वृक्षों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी होगी और वृक्षों को जियो-टैग (Geo-Tag) से लैस करना होगा। यदि किसी वजह से प्रतिपूरक वृक्षारोपण संभव नहीं होता है, तो पेड़ काटने वालों को काटे जा रहे पेड़ों के आर्थिक मूल्यन के बराबर मुआवजा देना होगा।
  3. वृक्ष प्राधिकरण:प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार, स्थानीय नगर निकायों और परिषदों में ‘वृक्ष प्राधिकरण’ (Tree Authority) का गठन किया जाएगा। यह प्राधिकरण वृक्षों के संरक्षण के संबंध में सभी निर्णय लेगा।
  • प्राधिकरण, ‘धरोहर वृक्षों’ की गिनती के साथ-साथ, हर 5 साल में सभी वृक्षों की गणना भी सुनिश्चित करेगा।
  • वृक्ष प्राधिकरण को “शहरी क्षेत्रों में वृक्षावरण बढ़ाने और मौजूदा वृक्षों की सुरक्षा करने” का कार्य सौंपा गया है।प्राधिकरण का काम यह सुनिश्चित करना भी कि 33% सरकारी भूमि का उपयोग वृक्षारोपण के लिये किया जाए।

स्रोत: द हिन्दू

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