विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) खतरनाक रसायनों पर रिपोर्ट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization-WHO) के अनुसार वर्ष 2016 और 2019 के मध्य खतरनाक रसायनों के संपर्क में आने से होने वाली मृत्युओं में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है ।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुमानों के अनुसार, खतरनाक रसायनों के संपर्क में आने से वर्ष 2019 में 2 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई थी, जबकि वर्ष 2016 में यह आंकड़ा 1.56 मिलियन था।
- इनमें से लगभग आधी मृत्यु सीसे के संपर्क में आने और इसके परिणामस्वरूप होने वाले हृदय रोगों से हुई थीं।
- अन्य योगदानकर्ता पार्टिकुलेट पदार्थों के व्यावसायिक संपर्क से ‘क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज’ (COPD) से लेकर कैंसरकारी पदार्थों के व्यावसायिक संसर्ग से कैंसर तक थे।
- खतरनाक रसायन ऐसे पदार्थ हैं, जो स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव उत्पन्न कर सकते हैं जैसे कि विषाक्तता, श्वसन समस्या, त्वचा पर चकत्ते, एलर्जी, एलर्जी संवेदीकरण, कैंसर और संपर्क में आने से अन्य स्वास्थ्य समस्याएं।
खतरनाक रसायनों के संपर्क के स्रोतों में शामिल हैं: पेंट, दवाएं, सौंदर्य प्रसाधन, सफाई रसायन, अपमार्जक, गैस सिलेंडर, शीतलक गैसें, कीटनाशक, शाकनाशी, डीजल इंधन, पेट्रोल,द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) आदि।
खतरनाक रसायन और अपशिष्ट अमिसमय–
खतरनाक अपशिष्टों की सीमा-पारीय आवाजाही और उनके निपटान पर नियंत्रण के लिए बेसल कन्वेंशन (Basel Convention on theControl of Transboundary Movements of Hazardous Wastes and their Disposal) को वर्ष 1989 में अंगीकृत किया गया था।
पूर्व सूचित सहमति पर रॉटरडैम कन्वेंशनः अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में कुछ खतरनाक रसायनों और कीटनाशकों के लिए प्रक्रिया। इसे वर्ष 1998 में अंगीकृत केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने ‘कृषि अवसंरचना कोष’ के अंतर्गत वित्तपोषण सुविधा की केंद्रीय क्षेत्र योजना में संशोधन को अनुमति प्रदान की है।
स्रोत – द हिन्दू