हाल ही में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने लोक स्वास्थ्य के संवर्धन के लिए मानव जीनोम संपादन पर नई अनुशंसाएं जारी की हैं ।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मानव जीनोम संपादन – अभिशासन हेतु एक फ्रेमवर्क (Human genome Editing : A Framework for Governance) और मानव जीनोम संपादन – अनुशंसाएं (Human Genome Editing: Recommendations) शीर्षक से दो रिपोर्ट्स जारी की हैं।
- यह दोनों रिपोर्ट्स लोक स्वास्थ्य के लिए एक साधन के रूप में मानव जीनोम संपादन स्थापित करने में मदद करने हेतु प्रथम वैश्विक अनुशंसाएं प्रदान करती हैं। साथ ही, सुरक्षा, प्रभावशीलता और नैतिकता पर भी बल देती हैं।
- सुदृढ़ निरीक्षण तंत्र की आवश्यकताः मानव जीनोम को संपादित करने के लिए क्रिस्पर कास-9 (CRISPR Cas – 9) जैसे उपकरणों के हालिया अनुप्रयोग सुरक्षा (लक्ष्य से इतर प्रभाव), सूचित सहमति, जीन-संपादित बच्चे, न्याय और समता आदि जैसे नैतिक मुद्दों को उत्पन्न करते हैं।
‘मानव जीनोम संपादनः अनुशंसाएं’ रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं
- अवसरों और चुनौतियों के संदर्भ में WHO और उसके महानिदेशक द्वारा नेतृत्व।
- मानव जीनोम संपादन रजिस्ट्रियां: यह सुनिश्चित करना है कि रजिस्ट्री में शामिल करने से पूर्व उपयुक्त अनुसंधान नैतिकता समिति ने नैदानिक परीक्षणों की समीक्षा और अनुमोदन किया है।
- बौद्धिक संपदाः मानव जीनोम संपादन प्रयासों तक समान पहुंच सुनिश्चित करना।
- नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों का निर्माण किया गया है, जिनका WHO द्वारा उपयोग किया जाएगा।
‘मानव जीनोम संपादनः अभिशासन हेतु एक फ्रेमवर्क’
- एक अभिशासन ढांचा विकसित करना, जिसे उभरती प्रौद्योगिकियों के अभिशासन में निहित उत्तम प्रथाओं से ग्रहण किया जाएगा। यह ढांचा इन उत्तम प्रथाओं को विशेष रूप से मानव जीनोम संपादन पर लागू करेगा।
- यह सभी स्तरों अर्थात संस्थागत, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी उपायोंको सुदृढ़ करने के लिए कार्य करने वालों की सहायता करने का लक्ष्य रखता है।
मानव जीनोम संपादन तकनीक के बारे में
मानव जीनोम संपादन (जिसे जीन संपादन भी कहा जाता है) प्रौद्योगिकियों का एक समूह है। यह वैज्ञानिकों को किसी जीव के DNA को बदलने अर्थात किसी विशेष स्थान पर आनुवंशिक सामग्री को जोड़ने, हटाने या परिवर्तित करने की क्षमता प्रदान करता है।
स्रोत – द हिन्दू